नायकों के नायक

पिता के बाद उन्हें भी अंग्रेजों ने नौकरी दी। नौकरी के दौरान उन्होंने अंग्रेजों की कुटिलता को नजदीक से देखा। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर भीलों की सेना बनाई।

Published by
WEB DESK

खाज्या नायक
जन्म : संधवा, बड़वानी (मध्य प्रदेश)
बलिदान : 3 अक्तूबर, 1860

वीर खाज्या नायक के पिता अंग्रेजों की सेवा में थे। पिता के बाद उन्हें भी अंग्रेजों ने नौकरी दी। नौकरी के दौरान उन्होंने अंग्रेजों की कुटिलता को नजदीक से देखा। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर भीलों की सेना बनाई।

इस सेना ने 1857 के महासमर में अंग्रेजों को भारी नुकसान पहुंचाया। नुकसान को देखकर अंग्रेजों ने उनसे समझौता करने का प्रयास किया, पर वे नहीं माने और लड़ते रहे।

अंग्रेज उन्हें जिंदा पकड़ना चाहते थे, लेकिन वे कभी सफल नहीं हुए। इसके बाद अंग्रेज उनकी जान के पीछे पड़ गए। उन्होंने उनकी हत्या करने का षड्यंत्र रचा और 3 अक्तूबर 1860 को उस समय खाज्या की हत्या कर दी गई, जब वे सूर्य उपासना कर रहे थे।

Share
Leave a Comment

Recent News