रामजी गोंड
जन्म : सोनखास, आदिलाबाद (तेलंगाना)
बलिदान : 9 अप्रैल, 1860
दक्षिण भारत के महान योद्धा थे रामजी गोंड। 1857 की क्रांति के समय आंध्र प्रदेश में रामजी गोंड ने गोंड, मराठा, महार, रोहिल्ला आदि युवकों और ग्रामीणों की सेना तैयार की। इस सेना ने इस क्षेत्र में अंग्रेजों को परास्त किया।
इसके बाद रामजी गोंड निर्मल शहर तथा आसपास के क्षेत्र के राजा हो गए। इसके बाद भी वे तीन वर्ष तक अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध करते रहे।
9 अप्रैल, 1860 को कर्नल रॉबर्ट ने निर्मल शहर पर आक्रमण किया। रामजी गोंड लगभग 1,000 रणबांकुरों के साथ रॉबर्ट की सेना पर टूट पड़े। उन्होंने राबर्ट का सिर धड़ से अलग कर दिया।
दुर्भाग्य से अंग्रेजों को बेलारी और निजाम के सैनिकों की मदद मिल गई। इसके बाद अंग्रेजों ने निर्मल शहर को घेरकर रामजी गोंड को पकड़ लिया और उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया।
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