संजय चौहान/दिनेश मानसेरा
चमोली। चार धामों के कपाट बंद होने के उपरांत पंच केदार में द्वितीय केदार बाबा मद्दमहेश्वर के कपाट भी आज सुबह शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। आज प्रातः काल मद्दमहेश्वर मंदिर में भगवान की विशेष पूजा-अर्चना करके श्रृंगार किया गया। जिसके बाद आरती करके भोग लगाया गया। बाबा की उत्सव डोली को सजाया गया और सुबह 8:25 डोली को मंदिर से बाहर लाया गया। उसके बाद ठीक 8:45 बजे मद्दमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
कपाट बंद होने के उपरांत बाबा की उत्सव डोली ने मंदिर की एक परिक्रमा की, जिसके बाद डोली अपने प्रथम पड़ाव गौंडार के लिए भक्तों के साथ रवाना हो गई। 23 नवम्बर को भगवान मद्दमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गांव से रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रासी पहुंचेगी। 24 नवंबर को डोली राकेश्वरी मंदिर रासी से अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी।
25 नवंबर को गिरीया गांव से रवाना होकर शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी। 26 नवंबर से भगवान मद्दमहेश्वर की शीतकालीन पूजा ओंकारेश्वर मंदिर में अगले 6 महीने तक होगी। कपाट बंद होने के अवसर पर रांसी, गौंडार, राउलैक, मनसूना, ऊखीमठ सहित विभिन्न जगहों के श्रद्धालु साक्षी बने।
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