आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के आने के बाद से तमाम तरह की दिक्कतें भी आनी शुरू हो गई हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है डीपफेक। हाल के दिनों में रश्मिका मंधाना, दीपिका पादुकोण समेत कई हस्तियों के डीपफेक इमेज को वायरल किया गया है। इसको लेकर केंद्र सरकार अब गंभीर हो गई है। इसी कारण इस पर लगाम कसने के लिए केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने Google, Facebook, you tube समेत कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को इस मामले पर चर्चा करने के लिए 24 नवंबर को बुलाया है।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि डीपफेक इमेज को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सतर्क रहना होगा। अगर कोई प्लेटफॉर्म डीपफेक कंटेट के अपने प्लेटफॉर्म पर जगह देता है या उसे नहीं हटाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम इन प्लेटफॉर्म को ये बताएंगे कि सरकार डीपफेक और गलत सूचनाओं को बहुत ही गंभीर मानती है। यह बड़ी चुनौती है। यह सुरक्षा और विश्वास के दायित्वों के लिए बड़ा खतरा है। हम देश के लोगों और इंटरनेट यूजर्स के लिए पूरी तरह से रिस्पॉन्सिबल हैं। हम इसके लिए नियम बनाएंगे औऱ अदालती कार्यवाही के लिए प्रावधानों को लागू करेंगे।
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डीपफेक को कंट्रोल करने के लिए हैं आईटी नियम
केंद्रीय आईटी मंत्री ने कहा कि हम साल 2021 में इसके लिए नियमों को लेकर आए थे। इसके बाद उसमें अगले साल 2022 में इसमें संशोधन किया गया और 2023 में इसे लागू किया गया। आईटी एक्ट के नियम 31 में कुल 11 मुद्दे ऐसे है, जिन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शेयर नहीं कर सकते हैं। वहीं 31 बी पांच नियम में इस बात का उल्लेख किया गया है कि गलत सूचना औऱ झूठी जानकारियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म प्रमोट नहीं कर सकते हैं। हमें इस बात को समझने की आवश्यकता है कि यही वह कानून है जो इंटरनेट को कंट्रोल करता है।
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