देहरादून। राजधानी के ईस्ट कैनाल रोड स्तिथ काबुल हाउस कस्टोडियन संपत्ति ( शत्रु संपत्ति) को खाली करने के आदेश जिला मजिस्ट्रेट देहरादून की अदालत ने दिए हैं। यहां काबिज कब्जेदारों को हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली और उन्हें इसी माह के अंत में कब्जा देहरादून प्रशासन को सौंपना होगा।
जानकारी के मुताबिक इस आदेश में काबुल हाउस परिसर में बने मंगला इंटर कॉलेज को भी खाली करना होगा। ये कॉलेज कई वर्षों से बंद पड़ा है। ये जगह कांग्रेस के एक बड़े नेता के कब्जे में थी, जिन्होंने कांग्रेस शासन काल में एक संस्था बनाकर आर्युवेदिक कॉलेज के नाम से लीज पर ली हुई दिखाई। नगर निगम के भवन कर में स्पष्ट लिखा हुआ है कि उक्त परिसर भवन कस्टोडियन संपत्ति है और इन्हे आर्युवेदिक कॉलेज तथा अस्पताल सिटी बोर्ड स्कूल को इस्तेमाल के लिए दी जाती है। खास बात ये है कि इस खेवट संख्या 15 में दर्ज इस संपत्ति का कई सालों से भवन कर भी जमा नहीं कराया गया। सालों से इसकी लीज नवीनीकृत भी नहीं हुई। बताया गया है कि कांग्रेस के एक बड़े नेता का दखल और कब्जे में होने की वजह से प्रशासन ने इसे खाली करवाने का साहस नहीं जुटाया। आर्युवेदिक कॉलेज के लिए जो संस्था बनाई गई थी उसमे भी कांग्रेस के बड़े नेता के ही अपने परिजन रहे। यानि कस्टोडियन संपत्ति को अपने कब्जे में रखने के लिए हर दांव पेंच खेले गए।
हाल के महीनों में जब केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस संपत्ति पर जवाब तलब किया, उसके बाद करीब चालीस सालों से बंद मामले खुलते चले गए और पिछले माह डीएम देहरादून ने इसका फैसला सरकार के पक्ष में सुनाया। इसी काबुल हाउस संपत्ति के फर्जी वारिस पैदा होते गए और वे यहां काबिज लोगों से पैसा ऐंठते हुए फर्जी रजिस्ट्रियां करते चले गए। इन फर्जी वारिसों के खिलाफ जिला मजिस्ट्रेट ने एसएसपी को एफआईआर लिखने का विभागीय पत्र भी भेजा हुआ है, किंतु अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई।
बहरहाल डीएम के आदेश पर नगर मजिस्ट्रेट ने पिछले हफ्ते कब्जा ले लिया था किंतु हाई कोर्ट में उन्हें खाली करने का कुछ समय दे दिया। इसी माह के अंत तक कब्जेदारो को ये जगह छोड़नी होगी। देहरादून में अभी और भी कस्टोडियन संपत्तियां हैं, जिनको खाली करवाने और उस पर सरकार का कब्जा होने का धामी सरकार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय का भी दबाव है। नैनीताल में मेट्रो होटल संपत्ति भी इसी क्रम में खाली करवाई गई और अब देहरादून में ऐसी संपत्तियों को खाली करवाया जा रहा है जिसका स्वामित्व केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास है।
जानकारी के मुताबिक देहरादून प्रशासन ने फैज मोहम्मद के नाम से दर्ज कस्टोडियन संपत्तियों की फाइल भी खोल दी है। आईएसबीटी टर्नर पी रोड पर 70 बीघा , माजरा के बाद 1800 बीघा जमीन शत्रु संपत्ति की बताई गई है। एक अनुमान के अनुसार देहरादून में 22 संपत्तिओ पर देहरादून प्रशासन की निगाह है। जिन्हे खाली करवा कर सरकार अपने पास आई रखेगी और फिर जनहित में उपयोग करने का प्रस्ताव केंद्र के गृह मंत्रालय के पास भेजेगी।
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