काठमांडू। मुसलमानों के सालाना मजहबी सभा इज्तमा पर नेपाल सरकार ने रोक लगा दी है। धार्मिक संवेदनशीलता का हवाला देते हुए नेपाल के गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। नेपाल सरकार ने इज्तमा के लिए लगाए गए टेंट और इसके लिए बाहर से आए लोगों को 24 घंटे के अंदर स्थान खाली करने का निर्देश दिया है।
दरअसल, नेपाल के पूर्वी हिस्से में स्थित सुनसरी जिले के दुहबी और इटहरी में 21-23 नवंबर तक इज्तमा की तैयारी की जा रही थी। इसके लिए 80 एकड़ जमीन पर टेंट लगाया गया था जिसमें करीब 50 हजार लोगों के रहने और बैठने की व्यवस्था की गई थी। दुनिया भर के कई देशों से मुसलमानों को इस इज्तमा के लिए बुलाया गया था। धार्मिक रूप से संवेदनशील रहे सुनसरी जिले में मुसलमानों के इतने बडे़ आयोजन से ना सिर्फ नेपाल में धार्मिक भावनाएं भड़कने की संभावना थी बल्कि भारतीय सीमा से जुड़े होने के कारण सुरक्षा के मद्देनजर भी इस पर रोक लगाई गई है।
सुनसरी की प्रमुख जिलाधिकारी हुमकला पाण्डे ने मुसलमानों के इस धार्मिक आयोजन को लेकर गृह मंत्रालय को पत्र लिख कर इन सभी चुनौतियों का जिक्र करते हुए इस पर राय मांगी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने किसी भी कीमत पर इस कार्यक्रम को रोकने का निर्देश जारी कर दिया। जिलाधिकारी पाण्डे ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद आयोजकों को कार्यक्रम रोकने के लिए लिखित निर्देश जारी कर दिया गया है।
सुनसरी की प्रमुख जिलाधिकारी ने शनिवार को जिले के सुरक्षा अधिकारियों के साथ आयोजन स्थल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने इज्तमा के लिए लगाए गए टेंट को तत्काल वहां से हटाने का निर्देश दिया। साथ ही इज्तमा के लिए वहां बाहर से पहुंचे लोगों को 24 घंटे के भीतर जिला छोड़ने का निर्देश भी दे दिया है। जिला प्रशासन को यह सूचना मिली थी कि इज्तमा के नाम पर कुछ ऐसे कट्टर मुस्लिम मौलाना आने वाले हैं जिनको भारत सहित कई देशों ने अपने यहां आने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
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