उत्तरकाशी। 12 नवंबर से टनल में फंसे हुए 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में अभी दो से तीन दिन का समय लगेगा, यह बात केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यहां कही। श्री गडकरी आज सुबह उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी के साथ घटना स्थल पर पहुंचे थे।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि रेलवे, ओएनजीसी के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों के विशेषज्ञ टनल का मलबा निकालने और दूसरी तरफ फंसे मजदूरों को निकालने के विकल्पों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमालय की रॉक्स बेहद संवेदनशील है, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ है।
गडकरी ने कहा कि हम सैटेलाइट पिक्चर्स का भी उपयोग कर रहे हैं, हमने विस्फोट का विकल्प भी रखा हुआ है, उसके साथ-साथ टनल के मलबे की दूसरी तरफ ऊपर से भी ड्रिल करने का काम शुरू किया है और इसके लिए एक अलग टीम काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी पहली कोशिश 41 श्रमिकों को बाहर निकालने की है, जोकि सुरक्षित हैं, उन्हे दवा, ड्राई फ्रूट, पानी, ऑक्सीजन दिया जा रहा है। अभी ये चार इंच की पाइप से भेजे जा रहे हैं, हमने आठ इंच की पाइप भी डाल दी है उन्हें पका हुआ भोजन भी भेजा जाएगा।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि हमने और सीएम धामी ने श्रमिकों के परिजनों के साथ बात की है, उन्हे हौंसला दिया है। देश, प्रदेश और सरकार सब उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा पीएम मोदी भी इस हादसे के राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं और श्रमिकों की चिंता कर रहे हैं। श्री गडकरी ने कहा अभी भी दो से तीन दिन का समय लग सकता है। इसलिए धैर्य रखना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसको लेकर डर पैदा किया जाए।
सीएम धामी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस चुनौती का मुकाबला कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कल पीएमओ से अधिकारी भी भेजे थे। उन्होंने भी उन्हें रिपोर्ट दी है। आज गडकरी जी स्वयं मौके पर आए हैं। ईश्वर करेगा सब ठीक होगा।
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