कांग्रेस सबसे भ्रष्ट पार्टी…, जसप्रीत कौर ने ठुकराया इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार, कहा-ये सिख नरसंहार के लिए जिम्मेदार

जसप्रीत कौर का कहना है कि अगर वो कांग्रेस के पुरस्कार को स्वीकार कर लेतीं तो ये पूरे सिख समुदाय का अपमान होता।

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Kuldeep singh

दिल्ली की सामाजिक कार्यकर्ता हैं जसप्रीत कौर। उन्हें कांग्रेस पार्टी की युवा शाखा भारतीय युवा कांग्रेस ने इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार देने का ऐलान किया। हालांकि, कांग्रेस की मंशा उस वक्त धरी की धरी रह गई, जब कौर ने इसे लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने न सिर्फ इनकार किया, बल्कि कांग्रेस को सबसे भ्रष्ट और सिखों के नरसंहार की दोषी करार दे दिया।

.ऱाष्ट्रीय राजधानी की रहने वाली युवा सोशल एक्टिविस्ट जसप्रीत कौर ने अपने एक्स हैंडल पर कांग्रेस पार्टी की युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी के द्वारा भेजे गए ईमेल के स्क्रीनशॉट को शेयर किया। जसप्रीत कौर ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “मैं इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार लेने से इनकार करती हूं, क्योंकि यह भारतीय युवा कांग्रेस से है, जो सबसे भ्रष्ट पार्टी है और निश्चित रूप से सिख नरसंहार के लिए जिम्मेदार हैं!”

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बता दें कि जसप्रीत कौर तेजस फॉर चेंज नाम से एक एनजीओ चलाती हैं और इसी के जरिए वो गरीब, वंचित और दिव्यांग बच्चों और युवाओं के लिए काम करती हैं। जसप्रीत कौर को कांग्रेस की तरफ से जो मेल मिला था। उसमें लिखा था, ”प्रिय पुरस्कार विजेताओं। हम आपको यह सूचित करते हैं कि भारतीय युवा कांग्रेस ने 18 नवंबर, 2023 को सुबह 11:00 बजे से जवाहर भवन, नई दिल्ली में ‘इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार’ का आयोजन किया है। आपसे अनुरोध है कि आप अपना बहुमूल्य समय दें कार्यक्रम में भाग लें और युवा कांग्रेस के सदस्यों को मार्गदर्शन, प्रेरणा देने के लिए अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाएं।”

जसप्रीत कौर ने कहा कि उनके एक परिचित हैं, जो कि दिल्ली में ही एक एनजीओ चलाते हैं। उन्होंने ही मुझसे पूछा था इंदिरा प्रियदर्शिनी अवॉर्ड के लिए मेरा नाम सुझाने के लिए। मुझे मही पता था कि वो कांग्रेस पार्टी देती है। मैंने हां कह दिया। 17 नवंबर की रात को एक औऱ ईमेल आया, जिसमें मुझे पता चला कि यह तो कांग्रेस पार्टी देती है। मैंने तुरंत इससे इनकार कर दिया।

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मॉस कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर चुकी जसप्रीत कौर फ्रेंच भाषा भी सिखाती हैं। उन्होंने इस पुरस्कार को ठुकराने के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि 1984 में जिस तरह से कांग्रेस ने सिखों का नरसंहार किया था, उसे देखते हुए मैं इसे नहीं ले सकती। अगर मैं इस पुरस्कार को लेती तो ये मेरे पूरे सिख समुदाय का अपमान होता। अब कई लोग मुझे बीजेपी वाला बता रहे हैं, लेकिन मैं ये स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैं फिलहाल किसी पार्टी से जुड़ी नहीं हूं।

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