भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( एएसआई ) ने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट को दाखिल करने के लिए शुक्रवार को कोर्ट से 15 दिनों का समय मांगा था। इस मामले में शनिवार को जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई के बाद सर्वे रिपोर्ट को दाखिल करने के लिए 15 दिनों की जगह एएसआई को 10 दिनों का समय दिया है। एएसआई की ओर से केंद्र सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि सर्वे से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने में थोड़ा समय लगेगा। जिस पर आज कोर्ट ने उक्त आदेश दिया।
ग्राउंड पेनेट्रेडिंग रडार ( जीपीआर ) तकनीक से हुए सर्वे का रिपोर्ट तैयार करने में एएसआई को समय लग रहा है। साथ ही अलग -अलग साक्ष्यों का वैज्ञानिक परीक्षण भी अन्य विधियों से हो रहा है। जिसकी रिपोर्ट 10 दिनों में कोर्ट के सामने प्रस्तुत करना होगा। ज्ञानवापी का सर्वे करने के दौरान एएसआई की टीम ने तीनों गुंबदों की भी बारीकी से जांच – पड़ताल किया। निर्माण शैली का परीक्षण करने के साथ ही रंगाई पुताई में इस्तेमाल सामग्री का भी नमूना लिया था।
ज्ञानवापी में सर्वे का कार्य दो बार रोका गया था। 24 जुलाई को सर्वे का कार्य शुरू हुआ। कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे का कार्य रोक दिया गया था। उसके बाद 4 अगस्त से 14 अगस्त तक सर्वे का कार्य हुआ। 7 सितंबर को अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के विरोध की वजह से सर्वे रोकना पड़ा था। अगले दिन 8 सितंबर को कोर्ट ने सर्वे के लिए चार हफ्ते का समय दिया था। 2 नवंबर को सर्वे का कार्य पूरा हुआ। जिसकी रिपोर्ट 10 दिनों बाद एएसआई कोर्ट में प्रस्तुत करेगी।
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