सभी रामभक्तों को तो उसी दिन अयोध्या नहीं बुलाया जा सकता। इसलिए हमारा आह्वान है कि विश्व भर के हिंदू अपने मुहल्ले या गांव के मंदिर को ही अयोध्या मानकर वहां एकत्र हों। वहां की परंपरानुसार पूजा-पाठ, आराधना व अनुष्ठान करें, पूज्य संतों द्वारा दिए गए विजय महामंत्र ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ का जाप करें
गत नवंबर को नई दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के आह्वान पर अयोध्या में अगले वर्ष 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमित्त 10 करोड़ से अधिक परिवारों को निमंत्रण दिया जाएगा। अयोध्या में इस दिन लगभग 4,000 प्रमुख संत, विहिप के प्रमुख पदाधिकारी और देश का वरिष्ठ सामाजिक, सांस्कृतिक एवं रचनात्मक नेतृत्व शामिल होगा।
उन्होंने कहा कि हम भगवान श्रीराम के 14 वर्ष बाद अयोध्या लौटने की खुशी में दीपावली मनाते हैं, किंतु आगामी 22 जनवरी को तो वह दूसरी दीपावली होगी जब रामजी 500 वर्ष के बाद भारत की स्वतंत्रता की अमृतबेला में अपने जन्म-स्थान पर लौटेंगे। इसलिए यह आवश्यक है कि विश्व का समस्त हिंदू समाज इस प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में प्रत्यक्ष शामिल हो।
श्रीराम मंदिर में पूजित अक्षत (पीले चावल) कलश संगठन की दृष्टि से बने 45 प्रांतों में भेजे जा चुके हैं। तीर्थक्षेत्र न्यास के आह्वान पर इस अक्षत निमंत्रण को लेकर विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता 2024 में 1 जनवरी से 15 जनवरी के बीच देश के नगर और ग्रामों में हिंदू परिवारों तक जाएंगे। ऐसा ही कार्यक्रम विदेशों में रहने वाले हिंदुओं के लिए भी आयोजित किया गया है।
उन्होंने कहा कि सभी रामभक्तों को तो उसी दिन अयोध्या नहीं बुलाया जा सकता। इसलिए हमारा आह्वान है कि विश्व भर के हिंदू अपने मुहल्ले या गांव के मंदिर को ही अयोध्या मानकर वहां एकत्र हों। वहां की परंपरानुसार पूजा-पाठ, आराधना व अनुष्ठान करें, पूज्य संतों द्वारा दिए गए विजय महामंत्र ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ का जाप करें तथा अयोध्या के भव्य-दिव्य कार्यक्रम के सीधे प्रसारण को साक्षात् देखें, आरती में अपना स्वर मिलाएं, प्रसाद बांटें और इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के प्रत्यक्षदर्शी बनकर आनंद मनाएं।
उन्होंने बताया कि गत 5 नवंबर को श्रीराम मंदिर में पूजित अक्षत (पीले चावल) कलश संगठन की दृष्टि से बने 45 प्रांतों में भेजे जा चुके हैं। तीर्थक्षेत्र न्यास के आह्वान पर इस अक्षत निमंत्रण को लेकर विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता 2024 में 1 जनवरी से 15 जनवरी के बीच देश के नगर और ग्रामों में हिंदू परिवारों तक जाएंगे। ऐसा ही कार्यक्रम विदेशों में रहने वाले हिंदुओं के लिए भी आयोजित किया गया है।
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