जरा कल्पना करें कि आतंकी हमलों का यह कहते हुए लोग समर्थन करने लगे कि आतंकी समूहों ने दरअसल बहुत सही किया था, तो क्या होगा? आतंकी हमलों में अपनी जान गंवाने वालों के परिजनों को कैसा अनुभव होगा और क्या पूरे विश्व में संदेश जाएगा? वैसे भारत में आतंकी हमलों के मददगार और उन्हें सही ठहराने वाले कई हैं, मगर फिर भी यह मामला इसलिए आज उठा क्योंकि अमेरिका में टिकटॉक पर अचानक से कई वीडियो वायरल होने लगे कि “ओसामा बिन लादेन” ने दरअसल अमेरिका पर हमला सही किया था।
वीडियो वायरल होते ही हड़कंप मच गया। मगर वीडियो में था क्या? जो टिकटॉक पर वीडियो वायरल हुए उनमें ओसामा द्वारा अमेरिका पर किए गए हमले अर्थात 11 सितम्बर को ट्विन टावर पर हुए हमले को सही ठहराया गया था।
इन वीडियो में लोग 11 सितम्बर 2001 को हुए हमलों की पहली बरसी पर ओसामा द्वारा अमेरिका को भेजे गए पत्र से प्रभावित होकर यह तक कह रहे थे कि उन्होंने अभी तक ऐसा सोचा भी नहीं था। मगर आखिर था क्या उस पत्र में, क्योंकि जैसे ही यह वीडियो वायरल हुए वैसे ही कई वेबसाइट से इन पत्रों को हटा दिया गया। इन हमलों में लगभग 3,000 लोगों की जान गयी थी और आज भी लोग उन दृश्यों को याद करके सिहर उठते हैं। मगर यह कल्पना ही हड्डियों में सिहरन भर देगी कि इन हमलों को उसी भूमि पर सही ठहराया जाए!
क्या था इस पत्र में?
यहूदी विरोधी इस पत्र में लिखा था कि अमेरिका मुझसे (ओसामा) से पूछता है कि आखिर हमने अमेरिका पर हमला क्यों किया और हम आपसे क्या चाहते हैं और हम आपसे क्या चाहते हैं? तो पहले प्रश्न का उत्तर यह है कि आपके फिलीस्तीन पर हमला किया!
हालांकि इस पत्र को अब गार्डियन ने हटा दिया है, मगर अभी भी कई वेबसाईट पर देखा जा सकता है। इसमें लिखा है कि अमेरिका पर ओसामा ने हमला इसलिए किया था क्योंकि 80 वर्षों से अधिक वर्षों से फिलिस्तीन सैन्य कब्जे में है। अंग्रेजों ने अमेरिका की मदद से फिलिस्तीन का क्षेत्र यहूदियों को सौंप दिया था; और उसके बाद से ही वहां पर भय, आतंक, हत्याओं, विध्वंस का माहौल है। इजरायल का निर्माण सबसे बड़ा अपराध है और जिसमें इसके अपराधियों के आप नेता है। यह साबित करने की कोई जरूरत नहीं है कि इजरायल के लिए अमेरिका का समर्थन कितना है। इजरायल का निर्माण एक ऐसा अपराध है जिसे हर कीमत पर हटाया जाना चाहिए। जिन्होनें भी इस पाप में साथ दिया है उसका खामियाजा उसे जरूर भुगतना होगा।
और इसके साथ ही इस चिट्ठी में लिखा है कि यह दावा कि फिलिस्तीन पर यहूदियों का अधिकार है, बहुत बड़ा झूठ है। फिलिस्तीन के लोग शुद्ध अरब और वहां के निवासी हैं। ये मुस्लिम हैं, जो मोसेस के वंशज हैं और जो तोरा के उत्तराधिकारी हैं।”
इसके साथ ही ओसामा का यह भी कहना था कि अमेरिका ने कश्मीर में हमारे खिलाफ भारतीयों का साथ दिया। और अमेरिका की सलाह, अनुमति और आदेशों के कारण कई देशों ने उनपर रोजाना ही लगभग हमला किया!”
यह कल्पना से ही परे बात है कि कथित युवा वोक्स या कम्युनिस्ट ओसामा के समर्थन में इस प्रकार आ गए हैं कि वह अपने देश ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में उस मानसिकता का समर्थन करने के लिए तैयार हो गए हैं, जिसने असंख्य निर्दोष लोगों की जान ली है। यह कौन सी सोच है जो उस ओसामा और हमास को नायक बना रही है जहां पर उदारवादी मूल्यों की हत्याएं हैं, महिलाओं के अधिकार कुछ नहीं हैं और समानता का कोई स्थान नहीं है और जहां बोलने की आजादी नहीं है। जहां समलैंगिक लोगों को मारने का प्रावधान है और न जाने क्या क्या है, मगर फिर भी उसी ओसामा को नायक बनाकर इन युवाओं के सामने पेश किया जा रहा है।
इस पत्र को लेकर युवाओं के क्रेज़ को इस वीडियो में देखा जा सकता है:
🇺🇸🚨‼️Osama Bin Laden’s “Letter to America” is going viral on TikTok right now.
Haven’t seen that coming up … pic.twitter.com/75R4DDHWXr
— Lord Bebo (@MyLordBebo) November 16, 2023
इसे लेकर कई कथित लिबरल युवाओं का कहना है कि जिसे हम आतंकवाद समझते हैं, दरअसल वह किसी के लिए अत्याचारी का विरोध हो सकता है। हालांकि अब उस अमेरिका के नाम ओसामा की लिखी चिट्ठी को गार्डियन ने हटा दिया है, मगर फिर भी अभी तक कुछ मुस्लिम हैंडल उसकी तस्वीरें X पर कई खातों से पोस्ट कर रहे हैं। इन वोक्स और कथित जेनेरेशन जेड के युवाओं की नजर में आतंकवाद के प्रति रोमांस का जागना किसी भी देश के बहुत घातक है। उन्हें अपने देश के मरते हुए लोगों की चीखें, जख्म नहीं दिख रहे हैं। उन्हें यह नहीं दिख रहा कि कैसे यह कट्टर जिहादी मानसिकता गैर-इस्लामी औरतों के लिए ही नहीं, बल्कि गैर-मुस्लिम महिलाओं के लिए कैद ही चाहती है। वह उन्हें पर्दों में कैद रखना चाहती है। जैसा अभी भी ईरान जैसे कट्टरपंथी देशों में देखा जा सकता है जहां पर महिलाओं की हत्याएं केवल अपना सिर खुला रखने के मूल अधिकार को लेकर वहां की सरकार द्वारा की जा रही हैं। उन्हें न ही अफ्रीका में जिहादी हिंसा में मारे हुए लोग दिखाई नहीं देते हैं, उन्हें पाकिस्तान से बाहर निकाले जाते अफगानिस्तानी दिखाई नहीं देते हैं और उन्हें ईरान से भगाए जा रहे अफगानिस्तानी नहीं दिख रहे हैं।
ओसामा के प्रति यह दीवानगी इसलिए भी है कि शायद इस्लामोफोबिया न फ़ैल जाए इसलिए विद्यार्थियों को 11 सितम्बर 2001 को हुए इस हमले के बारे में बताया ही नहीं जाता है।
Lakhs of young Americans are sharing Osama Bin Laden's letter to America (2002) that blamed Jews for everything and fully supporting terrorism, even against their own country.
This is what left poison does through their control over schools and colleges. We are on the same path.… pic.twitter.com/LWTJO6J5bO
— Eminent Intellectual (@total_woke_) November 16, 2023
भारत में भी कई घटनाओं को या तो युवा पीढ़ी को बताया नहीं जाता या फिर ऐसे बताया जाता है जिसमें असली अपराधी मानसिकता का पता नहीं चलता है और यही कारण है कि भारत में भी कम्युनिस्ट एजेंडे से प्रभावित कई युवा हिन्दू पीड़ा को समझने में नाकाम रहते हैं और हमने देखा है कि कैसे मुनव्वर फारुकी जलती हुई साबरमती एक्सप्रेस का मजाक उड़ाता है और लोग हँसते हैं।
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