पाकिस्तान की क्रिकेट टीम जो अब पाकिस्तान पहुंच चुकी है और विश्व कप से बाहर होकर अपने उस मजहबी एजेंडे पर खुलकर काम कर सकती है जिसका प्रदर्शन वह भारत में हुए विश्वकप में लगभग हर मैच में कर चुकी थी। इसी बीच पाकिस्तान क्रिकेट में मतभेद के समाचार आए थे और टीम के मुख्य चयनकर्ता इंजमाम एवं पीसीबी के बीच संघर्ष इतना बढ़ा था कि इंजमाम उल हक़ को अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। पीसीबी ने इंजमाम के खिलाफ जाँच आरम्भ कर दी थी।
मगर इन दिनों इंजमाम फिर से सुर्ख़ियों में हैं। और इस बार वह उसी कट्टरता को लेकर चर्चा में हैं, जिसकी चर्चा पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के दानिश कनेरिया बार-बार करते रहते हैं। यूं तो क्रिकेट प्रेमियों के दिल में इंजमाम की छवि एक खिलाड़ी की रही है, मगर इंजमाम खिलाड़ी के रूप में भी उस एजेंडे को चलाते रहे, जो इस्लाम के विस्तार की बात करता है। इंजमाम उल हक के दो-तीन वीडियो वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में वह मोहम्मद युसुफ द्वारा वेस्टइंडीज़ के ब्रायन लारा को इस्लाम में लाने की दावत देने की बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। सबसे रोचक बात यह है कि मोहम्मद युसुफ खुद युसुफ योहाना से मोहम्मद युसुफ बने थे। इंजमाम का कहना है कि मोहम्मद युसुफ ने कराची में टेस्ट मैच के दौरान ब्रायन लारा को खाने पर दावत दी और उसने कहा वह लारा को खाने पर बुलाकर दीन की दावत देगा। कराची से एक हाशिम ने ब्रायन लारा को बताया कि कैसे वह लोग ज़िन्दगी जीते हैं, कैसे वह अपने अम्मी-अब्बू का ख्याल रखते हैं, कैसे बीवी के साथ मामला करते हैं, कैसे व्यापार करते हैं, तो लारा चुप हो गए और कहा कि वास्तव में ज़िन्दगी यही है।
Just putting all the Pakistan Cricket Team Islamic Conversion attempts videos in a single thread for convenience ⬇️⬇️⬇️
1. Attempt to convert Brian Lara by Mohammad Yousuf pic.twitter.com/ky5ffYGwnb
— Sensei Kraken Zero (@YearOfTheKraken) November 14, 2023
इंजमाम यहीं नहीं रुकते हैं। वह बताते हैं कि कैसे इंग्लैण्ड में एक क्लब में हक और सक़लैन मुश्ताक ने दावत देकर कई देशों के खिलाड़ियों को मजहब में लाने का प्रयास किया था। इंजमाम ने भारतीय खिलाड़ी हरभजन सिंह का भी नाम लिया। इंजमाम ने कहा कि उनका एक नमाज का कमरा था, जहां पर एक मौलाना का रोज आना-जाना होता था। इंजमाम का कहना है कि वे लोग भारतीय खिलाड़ियों जैसे इरफ़ान पठान, जहीर खान, मोहम्मद कैफ को नमाज के लिए दावत देते थे और इनके साथ कई और खिलाड़ी भी जाते थे जो नमाज नहीं पढ़ते थे, मौलाना को सुनते थे। हरभजन सिंह का नाम लेते हुए इंजमाम ने कहा कि उन्होंने मौलाना की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह इंसान बहुत अच्छी बात करता है, जी करता है कि उसकी बात मान लूं। अर्थात इंजमाम का कहना है कि हरभजन मौलाना की बात मानने के लिए तैयार हो चुके थे, बशर्ते इंजमाम खुद उन बातों पर चलते हुए दिखते। इस वीडियो पर हरभजन ने जबरदस्त जबाव दिया है। हरभजन ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “ये कौन सा नशा पीकर बात कर रहा है? मैं एक प्राउड भारतीय और प्राउड सिख हूँ—— ये बकवास लोग कुछ भी बकते हैं!”
Yeh kon sa nasha pee kar baat kar raha hai ? I am a proud Indian and proud Sikh..yeh Bakwaas log kuch bi bakte hai 😡😡😡🤬🤬 https://t.co/eo6LN5SmWk
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) November 14, 2023
यह बात सच है कि हरभजन आज इसे लेकर बहुत गुस्सा हो रहे हैं, मगर यह बात भी सच है कि हरभजन सिंह का शोएब अख्तर के साथ हुआ एक संवाद बहुत वायरल हुआ था, जिसमें वह शोएब से आग्रह करते हैं कि शोएब भाई आप बता दीजिये लोगों को कि आप भारत के बारे में और भारतीयों के बारे में क्या फील करते हैं और हम एक ही हैं!
इस पर शोएब का ईमानदार जबाब भी सभी को याद होगा जिसमें उन्होंने कहा था कि वह टू नेशन थ्योरी में विश्वास करते हैं। ईमानदार इसलिए कि शोएब ने बिना किसी लागलपेट के यह मान लिया था कि वह भारत के साथ एक होने जैसी सोच में नहीं बल्कि उस टू नेशन थ्योरी पर विश्वास करते हैं जिसके आधार पर पाकिस्तान बना था। पाकिस्तानी खिलाड़ियों की राजनीतिक सोच और मजहबी सोच ही कहीं न कहीं खेल पर हावी रहती है और दूसरे खिलाडियों को अपने मजहब की दावत देने में उनकी रुचि दिखाई देती है। कौन भूल सकता है कि जब भारत की क्रिकेट टीम को टी-20 विश्व कप में पाकिस्तान की टीम ने दस विकेट से हराया था तो पाकिस्तान के ही एक मंत्री ने इसे पूरे मुसलमानों की जीत बताते हुए भारत के मुस्लिमों से जीत का जश्न मनाने के लिए कहा था।
हालांकि पाकिस्तानी खिलाड़ी अधिकतर इन दिनों गलत बयानी को ही लेकर चर्चा में हैं क्योंकि 14 नवम्बर को ही पाकिस्तान के खिलाड़ी अब्दुल रज्जाक ने भारतीय अभिनेत्री एवं मिस वर्ल्ड रह चुकी तथा अमिताभ बच्चन की बहू ऐश्वर्य राय के बारे में बहुत ही आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि “ऐश्वर्या राय से शादी करके नेक और ईमानदार बच्चा तो नहीं पैदा होगा न”!
इन तमाम बयानों को देखकर यही कहा जा सकता है कि कहीं न कहीं पाकिस्तानी टीम खेल के साथ एक एजेंडा भी साथ लेकर चलती है और वह है गैर मुस्लिमों के प्रति घृणा और उन्हें मजहब में दावत देना!
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