कभी बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कट्टर आलोचक रहीं जेएनयू के छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ की है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जिस तरीके से भारत सरकार ने कश्मीर के विकास के लिए काम किया है, शेहला उसकी मुरीद हैं। उन्होंने कहा है कि कश्मीर गाजा नहीं है। इसका श्रेय उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रय़ासों को दिया है।
शेहला ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि भारत सरकार ने कश्मीर में एक ऐसी राजनीतिक स्थिति को तय किया है जो कि पूरी तरह से ‘रक्तहीन’ है। उनका कहना है कि कश्मीर के हालातों को सुधारने के लिए किसी को आगे आने की आवश्यकता थी। खुसी है कि मौजूदा सरकार ने इसका जिम्मा उठाया।
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कभी अलगाववाद औऱ पत्थरबाज की आवाज थीं शेहला
जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद कभी कश्मीर मे अलगाववाद और पत्थरबाजों की मुख्य आवाज बनी हुई थीं। एएनआई से बातचीत के दौरान उन्होंने इस बात को स्वीकार भी किया है। शेहला कहती हैं कि साल 2010 का वक्त था, जब वो कश्मीर में पत्थरबाजों का समर्थन करती थीं और उनकी आवाज को राष्ट्रीय स्तर पर उठाती थीं। लेकिन आज के हालात को देखते हुए मैं मौजूदा सरकार की आभारी हूं कि कश्मीर गाजा नहीं है।
इससे पहले इसी साल अगस्त में शेहला राशिद ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर उसे दो केंद्र शासित राज्यों में विभक्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की तारीफ की थी। हालांकि, उन्होंने जेएनयू में ‘लाल सलाम’ और ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ वाली घटनाओं से इंकार कर दिया है।
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गौरतलब है कि शेहला राशिद का हृदय परिवर्तन यूं ही नहीं हुआ है। इसके पीछे की मुख्य वजह केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर में किया गया विकास है। केंद्र शासित प्रदेश में केंद्र सरकार ने न केवल सड़कों का निर्माण किया है, बल्कि रोजगार भी पैदा किए हैं। इससे लोगों का जीवन स्तर सुधरा है। इस बात की तस्दीक खुद शेहला राशिद ने अगस्त में की थी। तब उन्होंने कहा था कि कश्मीर में मानवाधिकार का रिकॉर्ड सुधरा है। उन्होंने कहा था कि इस बात को स्वीकार करना भले ही असुविधाजनक हो, लेकिन कश्मीर में मानवाधिकार रिकॉर्ड में सुधार हुआ है। नरेंद्र मोदी सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के स्पष्ट रुख ने कुल मिलाकर जीवन बचाने में मदद की है। यही मेरा दृष्टिकोण है।
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