अमरोहा/ हापुड़। उत्तर प्रदेश में अमरोहा और हापुड़ जिले की सीमा पर लगने वाले ऐतिहासिक तिगरी मेले को लेकर जोरशोर से तैयारियां शुरू हो गई हैं। ब्रज घाट और इसके आसपास भारी भीड़ की वजह से दिल्ली-हाईवे पर जाम के हालात न बने, इसके लिए 20 से 28 नवंबर तक राजगामार्ग पर वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। अमरोहा और हापुड़ के पुलिस-प्रशासनिक अफसरों की बैठक में ट्रैफिक को लेकर यह फैसला लिया गया है।
अमरोहा के गजरौला इलाके में लगने वाले प्रसिद्ध तिगरी मेले का आयोजन हर साल दीपावली के बाद कार्तिक पूर्णिमा से सप्ताह भर पहले शुरू हो जाता है। गंगा किनारे तंबुओं का शहर बस जाता है और दूर-दराज से श्रृद्धालु पहले ही आकर डेरा जमा लेते हैं। हर बाद की तरह मेले को भव्यता प्रदान करने के लिए अमरोहा और हापुड़ प्रशासन व्यापक तैयारियों में जुटे नजर आ रहे हैं। मेले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम होंगे।
यह उत्तर भारत का प्राचीन और ऐतिहासिक मेला है। तिगरी गंगा मेले को राज्य स्तर का दर्जा भी मिल चुका है। तिगरी मेले का इतिहास श्रवण कुमार से जुड़ा माना जाता है। रामायण काल के पहले से तिगरीधाम में मेले का आयोजन होने की बात कही जाती है। कहा जाता है कि श्रवण कुमार अपने माता-पिता को लेकर गंगा किनारे आए थे। आसपास के लोगों को इसकी जानकारी हुई तो कई दिन तक गंगा किनारे रुककर सबने श्रवण कुमार के दर्शन किये थे। उसके बाद से हर साल दिवाली के बाद कार्तिक पूर्णिमा को गंगामेले का आयोजन होता आ रहा है।
तिगरी गंगा मेले में जिले के साथ ही आसपास जिलों के 20-25 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। गंगा किनारे श्रद्धालु डेरा लगाकर मेले में रहते हैं। मेला आस्था का बड़ा संगम कहलाता है। इस बार 20 से 28 नवंबर तक चलने मेले की तैयारियों को लेकर अमरोहा और हापुड़ के डीएम-एसपी ने आला अफसरों के साथ ब्रजघाट गंगा गेस्ट हाउस में अहम बैठक की है। इसमें 20 से 28 नवंबर तक हाईवे पर भारी एवं मालवाहक वाहनों के रूट डायवर्जन का फैसला लिया गया है। अफसरों का कहना है कि ब्रजघाट के आसपास भारी भीड़ की वजह से भारी वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से गुजारा जाएगा।
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