देहरादून। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा अगले दो दिनों में शीतकाल के लिए बंद होने वाली है। इस बार तीर्थ यात्रियों का रिकॉर्ड बन गया है, अभी तक बद्रीनाथ, केदारधाम, गंगोत्री और यमुनोत्री में 55 लाख 84 हजार 677 यात्रियों ने दर्शन किए।
आपदा प्रबंधन द्वारा एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चारधाम यात्रा के दौरान आए तीर्थ यात्रियों में 245 की मौत स्वास्थ्य कारणों से हुई है, जिनमे सबसे अधिक 120 केदारनाथ धाम के यात्री हैं, जबकि बद्रीनाथ में 46, गंगोत्री गोमुख में 31,यमुनोत्री में 39 तीर्थयात्रियों की जान गई।
एक खबर यह भी महत्वपूर्ण है कि 15 जून से यात्रा सीजन में 107 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई है। इस सीजन में आपदा काल में 507 छोटे और 155 बड़े पशुओं की भी हानि हुई है।
तीर्थयात्रा में यात्रियों के बढ़ने की बड़ी वजह पीएम मोदी द्वारा बाबा केदार और बद्री विशाल की यात्रा पर आना और देश दुनिया के तीर्थ यात्रियों को उत्तराखंड आने के लिए प्रेरित करना है, ऑल वेदर रोड बन जाने से भी तीर्थ यात्रा सुगम हुई है।
एक चिंता उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में बढ़ते धुंए को लेकर भी है, राज्य बनने के वक्त उत्तराखंड में बमुश्किल सात से आठ हजार यात्री वाहन फेरा लगाते थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 583150 हो गई है, हिमालय क्षेत्र में इतने वाहनों का धुआं उत्सर्जित होने से मानसून के बादलों के साथ गैस भी मिल रही है जिसकी वजह से उच्च हिमालय क्षेत्र में बेमौसम गर्मी ,एक ही स्थान पर अत्यधिक बारिश हो रही है।
भविष्य में ऑल वेदर रोड पूरी हो जाने से यहां इलेक्ट्रिक वाहन, सीएनजी वाहन चलाए जाने से ही वाहन प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। केंद्र सरकार कर्णप्रयाग तक विद्युत चलित रेल लाइन बिछाने का काम तेजी से पूरा करवा रही है। साथ ही केदारनाथ हेमकुंड में रोपवे प्रोजेक्ट भी शुरू करवाए हैं। इससे हेलीकॉप्टर के फेरे भी कम होंगे और धुएं का असर भी कम होगा।
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