हमास के हमदर्द लीगी-कम्युनिस्ट
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत केरल

हमास के हमदर्द लीगी-कम्युनिस्ट

इस रैली का आयोजन जमात-ए-इस्लामी हिंद की युवा शाखा ‘सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट’ (एसवाईएम) ने किया था, जिसे आतंकी संगठन हमास के नेता खालिद माशेल ने वीडियो के माध्यम से संबोधित किया।

by टी. सतीशन
Nov 14, 2023, 02:32 pm IST
in केरल
जमात-ए-इस्लामी की रैली को हमास के नेता खालिद माशेल ने संबोधित किया

जमात-ए-इस्लामी की रैली को हमास के नेता खालिद माशेल ने संबोधित किया

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पहले डीएमके के उदयनिधि, दयानिधि, फिर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के पुत्र और अब हमास का जिहादी नेता… हिंदू धर्म पर निशाना साधने में इन तीनों में कोई अंतर नहीं है। कम्युनिस्ट शासन ने कैसे दी हमास के हमदर्दों को रैली निकालने की अनुमति

विगत दिनों केरल के मलप्पुरम् में ‘फिलिस्तीनियों के समर्थन’ में एक रैली निकाली गई। इस रैली का आयोजन जमात-ए-इस्लामी हिंद की युवा शाखा ‘सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट’ (एसवाईएम) ने किया था, जिसे आतंकी संगठन हमास के नेता खालिद माशेल ने वीडियो के माध्यम से संबोधित किया। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस रैली की टैगलाइन थी, ‘‘बुलडोजर हिंदुत्व और नस्लवादी यहूदियों को उखाड़ फेंको।’’ हालांकि आयोजकों ने घोषणा की थी कि हमास का एक अन्य नेता इस्माइल हानियेह भी वर्चुअल माध्यम से रैली को संबोधित करेगा, लेकिन किसी कारण ऐसा नहीं हुआ। खालिद माशेल आतंकी संगठन हमास का पूर्व प्रमुख है। 2004 में निर्वासन के दौरान वह आतंकी संगठन हमास का राजनीतिक नेता बन गया। हालांकि वह कभी गाजा में नहीं रहा। वह जॉर्डन, सीरिया, कतर और मिस्र से ही हमास के लिए काम करता था। इस्राएल के विदेश मंत्रालय के अनुसार, अब माशेल कतर में रह रहा है।

केरल ही क्यों?

यमन में युद्ध चल रहा है, सीरिया में युद्ध चल रहा है, सूडान में युद्ध चल रहा है, लीबिया में युद्ध चल रहा है। इन सभी युद्धों में मुसलमान ही मुसलमानों को मार रहे हैं। हजारों मुसलमान पीड़ित हैं। लेकिन न तो जमात-ए-इस्लामी कभी इन मरने वाले मुसलमानों से हमदर्दी जताती नजर आई, न उनके लिए न्यूयॉर्क, लंदन, बर्लिन में कभी कोई विरोध प्रदर्शन हुआ। न कभी कांग्रेस और आईएनडीआई अलायंस ने इन देशों के दूतावासों में जाकर उनसे हमदर्दी जताने की कोशिश की। क्यों?

कम्युनिस्टों और इस्लामिस्टों का तर्क है कि हमास भारत में आतंकी संगठन के रूप में प्रतिबंधित नहीं है। ठीक है। लेकिन इसका अर्थ यह कहां हो जाता है कि उसे हिंदुओं और यहूदियों के खिलाफ खुलकर अभियान चलाने की भी छूट है? भारतीय कानून इसकी इजाजत तो नहीं देता है। उससे भी बड़ा प्रश्न- क्या वह स्थिति आ चुकी है कि ऐसे खुले और दुष्टतापूर्ण अभियानों से हिंदुओं की रक्षा कानूनों पर निर्भर हो चुकी है।

चाहे हमास हो, जमात-ए-इस्लामी हो या इस्लामिस्टों के साथ खड़े होने के लिए उत्सुक कांग्रेस और उसका ‘इंडी’ गठबंधन हो, वास्तव में इनमें से किसी को भी पीड़ितों की चिंता नहीं है, उन्हें सिर्फ इस बात की चिंता है कि मुसलमान किसे अपना दुश्मन मानते हैं। शशि थरूर ने जरूर कांग्रेस में रहते हुए पार्टी लाइन से अलग मात्र 25 सेकंड के लिए अपनी राय व्यक्त करने की कोशिश की थी। लेकिन चंद मिनट के भीतर ही उनकी राय को न केवल कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने, बल्कि कम्युनिस्टों तक ने चकनाचूर कर दिया। ऐसा भी नहीं है कि उन 25 सेकंड के लिए थरूर को बधाई का पात्र माना जा सकता हो। कोझिकोड की वह रैली, जिसमें थरूर का भाषण हुआ था, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने आयोजित की थी। मुस्लिम लीग कांग्रेस का सहयोगी दल है और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और सांसद शशि थरूर इस रैली में मुख्य अतिथि थे।

यहां कांग्रेस वर्किंग कमेटी का संक्षिप्त उल्लेख करना जरूरी है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने 9 अक्तूबर को एक प्रस्ताव पारित करके फिलिस्तीन को अपने समर्थन की घोषणा की थी। लेकिन इसमें हमास द्वारा इस्राएल पर 7 अक्तूबर को किए गए हमलों का उल्लेख नहीं किया गया था। कांग्रेस के अर्धसत्य पर आधारित इस सेक्युलरिज्म से मुस्लिम लीग को लगा होगा कि कांग्रेस नेता थरूर को अपनी रैली में मुख्य वक्ता बनाया जाए। वास्तव में इस्लामिस्ट और सेक्युलरिस्ट कांग्रेस के लिए भी उसी तरह पर्यायवाची शब्द हैं, जैसे मुस्लिम लीग के लिए। यही कारण है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुस्लिम लीग को सेक्युलर घोषित कर दिया था।

कांग्रेस और मुस्लिम लीग के लिए केरल में फिलिस्तीन का समर्थन करना सिर्फ बहाना था। केरल इस्लामिस्टों की पनाहगाह ही नहीं, चरागाह, शिकारगाह और भर्ती करने का मैदान तक बना हुआ है। वस्तुत: ‘फिलिस्तीन बचाओ’ की आड़ में आतंकी संगठन हमास और उसके नेताओं को ‘योद्धा’ के रूप में महिमामंडित करने का प्रयास किया गया और यहूदियों से बैर की आड़ में हिंदुओं से बैर को रेखांकित किया गया। कांग्रेस और कम्युनिस्टों की सरपरस्ती में केरल आज हमास, आईएसआईएस, अल-कायदा और सिमी जैसे आतंकी संगठनों का भारत का सबसे बड़ा समर्थक राज्य है। केरल आईएसआईएस और खाड़ी के अन्य आतंकी संगठनों को इस्लामी आतंकियों का एक बड़ा निर्यातक रहा है। केरल में कम्युनिस्टों ने कभी एक आतंकी समूह के तौर पर हमास की निंदा नहीं की। आज इस्राएल में केरल मूल के लगभग एक लाख यहूदी हैं, लेकिन केरल में बमुश्किल 100 यहूदी बचे हैं।

 ‘‘(सीएम) पिनराई विजयन की पुलिस कहां है? ‘फिलिस्तीन बचाओ’ की आड़ में वह एक आतंकी संगठन हमास और उसके नेताओं को ‘योद्धा’ के रूप में महिमामंडित कर रहे हैं। यह अस्वीकार्य है।’’ – सुरेंद्रन 

भाजपा ने प्रश्न किया है कि ‘आतंकवादियों के इस खतरनाक महिमामंडन’ की वामपंथी शासित राज्य ने अनुमति कैसे दी? लेकिन आयोजकों को केरल में मिले सरकारी संरक्षण का पूरा विश्वास है। इसी कारण उन्होंने एक प्रेस नोट जारी करके फिर कहा कि हमास एक ‘प्रतिरोध आंदोलन’ है और खालिद माशेल एक ‘स्वतंत्रता सेनानी’ है।

यह रैली स्पष्ट तौर पर हिंदुओं और यहूदियों के विरुद्ध थी। केरल सरकार इस पर मूक दर्शक इसलिए भी बनी रही, क्योंकि वह खुले तौर पर हिंदुत्व की विरोधी है। कम्युनिस्टों और इस्लामिस्टों का तर्क है कि हमास भारत में आतंकी संगठन के रूप में प्रतिबंधित नहीं है। ठीक है। लेकिन इसका अर्थ यह कहां हो जाता है कि उसे हिंदुओं और यहूदियों के खिलाफ खुलकर अभियान चलाने की भी छूट है? भारतीय कानून इसकी इजाजत तो नहीं देता है। उससे भी बड़ा प्रश्न- क्या वह स्थिति आ चुकी है कि ऐसे खुले और दुष्टतापूर्ण अभियानों से हिंदुओं की रक्षा कानूनों पर निर्भर हो चुकी है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने इस घटना को ‘खतरनाक’ बताया है। उन्होंने माशेल की वर्चुअल फोटो साझा करते हुए एक्स पर लिखा, ‘‘(सीएम) पिनराई विजयन की पुलिस कहां है? ‘फिलिस्तीन बचाओ’ की आड़ में वह एक आतंकी संगठन हमास और उसके नेताओं को ‘योद्धा’ के रूप में महिमामंडित कर रहे हैं। यह अस्वीकार्य है।’’

Topics: जमात-ए-इस्लामीयहूदियों से बैर की आड़ में हिंदुओं से बैरHatred against Hindus under the guise of hatred towards Jewsहमास - इस्राएलहमास होसॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

कट्टरता की आग में झुलसता बांग्लादेश

जमात-ए-इस्लामी आखिर चाहता क्या है? बांग्लादेश में क्यों कर रहा ‘कातिलों के इंसाफ’ की बात

बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं, वे रक्षा की गुहार लगा रहे हैं (फाइल फोटो)

निशाने पर सिर्फ हिंदू!

अजहरुल इस्लाम (फाइल फोटो)

बांग्लादेश : मौत की सजा के खिलाफ अपील कर सकेगा अजहरुल इस्लाम, 1400 लोगों की हत्या और कई महिलाओं से दुष्कर्म का है दोषी

Bangladesh Muhammad Yunus

बांग्लादेश: संवैधानिक सुधार के बाद चुनाव की ओर अग्रसर पार्टियां

Bangladesh Jamat E Islami cut a cow for indias hate

बांग्लादेश में कट्टरपंथ का उभार: भारत और पीएम मोदी के विरोध में जमात ए इस्लामी ने काटी गाय

मानवाधिकार दिवस का गूंजता मौन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies