केरल के अलुवा में पांच साल की बच्ची से रेप और फिर उसकी बेरहमी से हत्या करने के दोषी अशफाक आलम (28) को केरल की विशेष कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आलम को ये सजा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत सुनाई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इसी साल जुलाई के महीने में ये वारदात हुई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। पीड़िता बिहार की रहने वाली थी। इसके माता-पिता प्रवासी श्रमिक हैं, जो कि केरल में किराए के घर में रहते थे। बहरहाल मामले की सुनवाई के बाद कोच्चि स्थित स्पेशल POCSO अदालत ने पिछले सप्ताह ही अशफाक आलम को दोषी पाया था। उसे आईपीसी की धारा 302, 376ए और 297 के तहत दोषी ठहराया गया। खास बात ये रही कि पांच साल की बच्ची से रेप और हत्या के दोषी अशफाक आलम को घटना के ठीक 110 दिन बाद मौत की सजा सुनाई गई। मामले की फास्ट्र ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके तहत 30 दिन में जांच पूरी हुई और अगले 60 दिन में ट्रायल हुआ।
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पुलिस का कहना है कि आलम ने बच्ची को उसके किराए के घर से अपहरण कर लिया और फिर उसके साथ बलात्कार किया और गला दबाकर हत्या कर दी थी। बाद में शव एक स्थानीय बाजार में बोरे में मिला था। पुलिस को यह भी पता चला कि आलम पहले भी अन्य POCSO मामलों में शामिल था।
गौरतलब है दरिंदा अशफाक पहले भी बच्चियों से छेड़छाड़ कर चुका था। पांच साल पहले साल 2018 में उसे पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। जिसमें वो एक महीने तक जेल में रहा था। बाद में उसे जमानत मिल गई। उस दौरान उसने जिस बच्ची के साथ छेड़छाड़ की थी वो बच्ची 10 साल की थी और कक्षा 5 की छात्रा थी।
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