लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को पार्टी ने नई जिम्मेदारी सौंप दी है। सीएम ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को कृष्णानगर (नादिया नॉर्थ) जिले में पार्टी का अध्यक्ष घोषित किया है। इसकी पुष्टि खुद महुआ मोइत्रा ने एक्स पर ममता बनर्जी को थैक्स बोलकर की।
जबकि, महुआ माइत्रा लोकसभा वेबसाइट के लॉग क्रेडेन्शियल्स को बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को देने के मामले में जांच का सामना कर रही हैं। रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में महुआ मोइत्रा के खिलाफ पार्लियामेंट की एथिक्स कमेटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है। 10 नवंबर को ही कमेटी ने सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी थी। अब गेंद स्पीकर के पाले में है। अगर महुआ मोइत्रा दोषी साबित होती हैं तो उनकी संसद सदस्यता रद्द हो सकती है।
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बताया जाता है कि एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों को सही पाया है। कमेटी ने 6:4 के बहुमत से महुआ मोइत्रा की सांसदी को रद्द करने की लोकसभा स्पीकर से सिफारिश की है। वोटिंग के दौरान महुआ के पक्ष में 4 वोट पड़े, जबकि उनके खिलाफ 6 सदस्यों ने वोटिंग की।
क्या हैं आरोप
गौरतलब है कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आऱोप लगाया था। दुबे ने दावा किया था कि लोकसभा सत्र के दौरान महुआ मोइत्रा ने संसद में कुल 60 सवाल पूछे थे, जिसमें से 50 से अधिक सवाल केवल अडाणी को टार्गेट कर पूछे गए थे। अडाणी के जरिए पीएम मोदी को बदनाम करने की साजिश रची गई थी। पहले तो महुआ ने इन आरोपों से बचने की कोशिशें की, लेकिन बाद में हीरानंदानी सरकारी गवाह बन गए। उन्होंने इन आरोपों को कबूल कर लिया।
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बीजेपी सांसद के आऱोपों के बाद मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी का गठन किया गया था। अब कमेटी ने भी अपनी जांच सौंप दी है। अब देखना ये है कि स्पीकर ओम बिरला क्या फैसला करते हैं।
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