ताजा समाचार यह है कि पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी मौलाना रहीमुल्ला तारिक को ढेर कर दिया गया है। कराची में अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर उसकी जान ले ली है। आतंकवादी तारिक कुख्यात जिहादी मसूद अजहर का नजदीकी बताया जाता था।
भारत के पड़ोसी इस्लामी देश में इस वक्त राजनीतिक—सामाजिक उथलपुथल का दौर जारी है। जहां राजनीतिक गलियारे अनिश्चितता के अंधेरे कोहरे में ढके हैं वहीं समाज में आक्रोश और भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। तिस पर टीटीपी के आतंकवादी अपने खुद को पाल—पोस कर बड़ा करने वाले इस्लामी देश के लिए ही गले की फांस बना हुआ है। पाकिस्तान में आज पुलिस और फौज के लिए आतंकवादी संगठन टीटीपी काल साबित हो रहा है। ऐसे में वहां खुलेआम घूमते आ रहे जिहादी तत्व भी अपनी करनी का फल भोग रहे हैं। तारिक वह जिहादी था जिसने मसूद अजहर के कथित इशारों पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देता आ रहा था। मसूद की तरह वह भी भारत विरोधी जहर उगलने में आगे रहता था।
तारिक की हत्या कराची में कल हुई बताई जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अज्ञात हमलावरों ने आतंकवादी मौलाना तारिक को गोलियों से छलनी कर दिया जिसके बाद उसकी मौत हो गई। बताया यह भी गया है कि हमले के वक्त तारिक भारत के विरुद्ध होने वाली किसी रैली में शामिल होने के लिए निकला था।
पाकिस्तान के सुप्रसिद्ध न्यूज चैनल जिओ न्यूज ने रिपोर्ट दी है कि मौलाना तारिक देश में काफी जाना—पहचाना नाम बन गया था। उसकी तकरीरें सुनने के लिए बड़ी तादाद में भीड़ इकट्ठी हो जाती थी। वह मजहबी उन्माद भड़काने में माहिर था और मजहब के नाम पर जिहादी घुट्टी पिलाया करता था। कहते हैं, उसके उकसावे पर जिहादियों की एक पूरी फौज खड़ी हो गई थी।
अभी पिछले ही दिनों में उस देश में लश्करे-तैयबा का जिहादी अकरम खान उर्फ अकरम गाजी मारा गया था। उसकी खैबर पख्तून्ख्वां प्रांत में गोली मार हत्या की गई थी। बताते हैं कि जिहादी अकरम खान आईएसआई और लश्करे तैयबा के कुख्यात जिहादी सरगना हाफिज सईद का नजदीकी था। उसकी मौत को लेकर भी पाकिस्तान का सत्ता अधिष्ठान सन्न रह गया था।
इस घटना को लेकर स्थानीय पुलिस का मानना है कि यह वारदात ‘सुपारी लेकर की गई हो सकती है’। पता चला है कि हत्या के वक्त मौलाना तारिक कराची के इलाके ओरंगी टाउन में होने वाली एक रैली में तकरीर के लिए निकला था। रास्ते में अज्ञात हमलावरों ने उस हमला किया और गोलियां चली दीं। बुरी तरह घायल होने के बाद तारिक का दम निकल गया।
लेकिन जैसा कि पाकिस्तान पुलिस का रटा—रटाया बयान होता है, उसके अनुसार, उसने कहा है कि हमलावरों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। लेकिन अभी तक हमलावरों को कोई सुराग हाथ नहीं आया है।
उल्लेखनीय है कि अभी पिछले ही दिनों में उस देश में लश्करे-तैयबा का जिहादी अकरम खान उर्फ अकरम गाजी मारा गया था। उसकी खैबर पख्तून्ख्वां प्रांत में गोली मार हत्या की गई थी। बताते हैं कि जिहादी अकरम खान आईएसआई और लश्करे तैयबा के कुख्यात जिहादी सरगना हाफिज सईद का नजदीकी था। उसकी मौत को लेकर भी पाकिस्तान का सत्ता अधिष्ठान सन्न रह गया था।
इसी प्रकार 2016 में सियालकोट के वायुसेना हवाई अड्डे पर हमले की साजिश रचने के दोषी और भारत के मोसट वांटेड जिहादियों में से एक शाहिद लतीफ की भी हत्या हुई थी। उसे गत माह अज्ञात हमलावरों द्वारा सियालकोट में गोली मारी गई थी, जिसमें उसकी मौत हो गई थी।
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