26 नवम्बर का दिन निकट आ रहा है और यह वह दिन है, जिसने भारत को झकझोर दिया था। उस दिन भारत भूमि रक्तरंजित हुई थी और वह हर प्रकार के आतंक का दिन था। हिन्दू नाम रखकर, कलावा आदि बांधकर पाकिस्तानी आतंकियों ने जो पहचान के आतंक का प्रयास किया था, उसका उदाहरण कोई दूसरा नहीं मिलता है। भारत में पाकिस्तानी आतंक का इतिहास नया नहीं है और वह बार-बार पूरे विश्व के सामने इस आतंकवाद के उदाहरण प्रस्तुत करता आ रहा था। रक्तरंजित होने के बावजूद भारत पूरी ताकत के साथ खड़ा था। आतंकियों को न केवल उनकी हूरों के पास भेजा गया बल्कि पूरी दुनिया में पाकिस्तान का आतंकी चेहरा भारत ने बेनकाब किया।
26 नवम्बर 2008 को मुम्बई पर हुए आतंकी हमले के बाद डिनाइल मोड में बैठे समूचे विश्व को अंदाज हुआ होगा कि समस्या कहाँ पर है? हालांकि यह भी बहुत हैरानी की बात है कि जब तक विश्व ने इस्लामी कट्टरता के आतंक का स्वाद नहीं चखा था, तब तक भारत के हजारों लोगों की जान का कोई मोल नहीं समझ पाया था। भारत बार-बार यह प्रमाण देता था कि पाकिस्तान में किस प्रकर आतंकी गतिविधियाँ की जा रही हैं, मगर उन पर ध्यान नगण्य था। परन्तु अब स्थितियां भिन्न हैं। अब पश्चिम भी उसी कट्टरता का शिकार हो रहा है, फिर चाहे वह शर्ली हब्दो के कार्यालय पर हुआ हमला हो या फिर अमेरिका में ट्विन टावर पर हमला! हाल ही में 7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकियों ने इजरायल पर उसी प्रकार का हमला किया, जिस प्रकार भारत का सीना मुम्बई में 26 नवम्बर 2008 को छलनी किया गया था।
इजरायल हमास के आतंकियों का सफाया कर रहा है, मगर जिस प्रकार से विश्व में हमास के पक्ष में आन्दोलन हो रहे हैं, उससे तमाम प्रश्न पैदा हो रहे हैं और उन घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में पश्चिम की सरकारें कई कदम उठा रही हैं। ऐसा ही कदम स्पेन की सरकार ने आतंरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया। स्पेन में एक ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें आतंक फैलाने के आरोप में कुछ लोग हिरासत में लिए गए और मीडिया के अनुसार 14 आरोपी पाकिस्तानी हैं।
मीडिया के अनुसार पाकिस्तान के 14 नागरिकों को स्पेन में आतंकी नेटवर्क बनाने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। यह भी बताया जा रहा है कि इन लोगों ने एक नेटवर्क बनाया था जिसमें जिहादी सन्देश और कट्टरता को ऑनलाइन प्रसारित किया जा रहा था। यूरोकोनऑफशियल के पत्रकार ने एक्स पर लिखा कि स्पेन में 14 पाकिस्तानियों को आतंकी गतिविधियों के लिए हिरासत में लिया गया है। वह कैटेलोनिया, वालेंसिया, गुइपुज़कोआ, विटोरिया, लोग्रोनो और लिलेडा में रहते थे। वे पाकिस्तान में एक इस्लामी चरमपंथी राजनीतिक दल तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं।
In Spain 14 Pakistani jihadists have been arrested for terrorist activities. They lived in Catalonia, Valencia, Guipúzcoa, Vitoria, Logroño & Lleida.
They are linked to Tehreek-e-Labbaik Pakistan an Islamic extremist political party in Pakistan.https://t.co/09P9AteSgQ pic.twitter.com/2vqb6LUk85
— David Atherton (@DaveAtherton20) November 8, 2023
तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान का वह संगठन है जो कई देशों में आतंकी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है और इसके विषय में यही कहा जाता है कि इसकी मुख्य विशेषता उन लोगों के विरुद्ध सोशल मीडिया पर भड़काना है जो मुहम्मद का आदर नहीं करते हैं। जिन्हें गिरफ्तार किया गया है वह टिकटॉक पर वीडियो बनाकर लोगों को भड़काते थे।
पाठकों को याद होगा कि यह वही तहरीक-ए-लब्बैक है जिसने पाकिस्तान में फ्रांस के विरुद्ध हिंसा उकसाई थी और पाकिस्तान में चली कई दिनों की हिंसा के बाद उसे अप्रैल 2021 में तब प्रतिबंधित किया गया था, जब फ्रांस के दूतावास ने अपने नागरिकों से तत्काल पाकिस्तान छोड़ने के लिए कहा था। मगर बाद में नवम्बर 2021 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने तहरीक-ए-लब्बैक से प्रतिबन्ध हटा लिया था।
और ऐसा नहीं है कि स्पेन में पहली बार आतंकी घटनाओं के आरोप में पाकिस्तानियों की गिरफ्तारी हुई है। मार्च 2022 को स्पेन में ही पांच पाकिस्तानी नागरिकों की आतंकी घटनाओं में गिरफ्तारी की गयी थी। उस समय भी जो पांच लोग पकड़े गए थे वह भी तहरीक-ए-लब्बैक के ही सदस्य थे।
5c)Spain arrests 5 Pakistanis on Feb 21,2022:
They and Sep 2020 Paris assassin Zaheer Mahmood are members of Islamist party Tehreek-e-Labbaik Pakistan/TLP.
Founder:Barelvi preacher Khadim Hussain Rizvi(1966-Nov 2020)
Focus:punish blasphemy with death https://t.co/c6OKKgYbDw— Mila (@Milatrud11) March 1, 2022
यह गिरफ्तारियां फ्रांस में वर्ष 2020 के शर्ली हब्दो के पुराने कार्यालय पर हमले की जांच के बाद की गयी थीं। पाठकों की स्मृति में होगा ही कि किस प्रकार एक कार्टून के कारण फ्रांस में शर्ली हब्दो के कार्यालय पर हमला किया गया था और उसके बाद जब वह कार्यालय वहां से दूसरी जगह स्थानांतरित हो गया था तो उसके पुराने कार्यालय पर एक व्यक्ति ने हमला किया था।
वह व्यक्ति भी तहरीक-ए-लब्बैक के नेताओं के भड़काऊ वीडियो देखकर भड़क गया था। तहरीक-ए-लब्बैक को लेकर पश्चिम की एक संस्था एटलान्टिक काउंसिल ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें भी फ्रांस में वर्ष 2020 पर शर्ली हब्दो के पुराने कार्यालय पर हमले का उल्लेख है।
स्पेन में वर्ष 2022 में जिन पांच पाकिस्तानी नागरिकों को आतंकी घटनाओं को भड़काने के आरोप में हिरासत में लिया था और जिन 14 पाकिस्तानी नागरिकों को हिरासत में अब लिया है, वह पड़ोसी पाकिस्तान के एक राजनीतिक दल की विचारधारा फैला रहे थे। वहीं, यूरो वीकली के समाचार के अनुसार जो चौदह पाकिस्तानी नागरिक हिरासत में लिए गए हैं, उनमें एक शादीशुदा जोड़ा भी शामिल है और एक कथित रूप से शिक्षित व्यक्ति है, जो सोशल मीडिया पर जिहादी पंथ में शामिल होने के लिए उकसा रहे थे।
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