नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कैबिनेट सचिव ने 8 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और एनसीटी दिल्ली के मुख्य सचिवों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। इसमें पता चला कि पराली जलाने के सर्वाधिक मामले पंजाब से हैं। करीब दो महीने में पंजाब में पराली जलाने के बीस हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। इस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सवाल पूछा है। भूपेन्द्र यादव ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को प्रदूषण की रोकथाम के लिए दी गई राशि का ब्योरा देते हुए अरविंद केजरीवाल से पूछा कि सारा पैसा कहां गया।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर भूपेन्द्र यादव ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछा कि साल 2018 के बाद से केंद्र ने फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की खरीद के लिए पंजाब को 1,426.41 करोड़ रुपये दिए। प्रदूषण तो कम हुआ नहीं तो वो सारा पैसा कहां गया? उल्लेखनीय है कि राजधानी में पिछले एक हफ्ते से प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है। इसके दिल्ली सरकार केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ रही है कि वहां से फंड नहीं मिला। वहीं, केंद्र सरकार ने पिछले पांच साल के आंकड़े जारी करते हुए दिल्ली सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
ये है पंजाब का हाल
कैबिनेट सचिव की बैठक में जानकारी सामने आई है कि दिल्ली में प्रदूषण की मौजूदा संकट की स्थिति मुख्य रूप से पराली जलाने के कारण उपजी है। 8 नवंबर को वायु प्रदूषण स्तर में 38 प्रतिशत योगदान पराली जलाने से हुआ। बैठक में बताया गया कि 15 सितंबर से 7 नवंबर के दौरान पराली जलाने की कुल 22,644 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से 20978 (93 प्रतिशत) पंजाब में और 1605 (7 प्रतिशत) घटनाएं हरियाणा में हुईं। चर्चा के दौरान यह भी सामने आया कि हरियाणा में कटाई 90 प्रतिशत से अधिक पूरी हो चुकी है, जबकि पंजाब में 60 प्रतिशत पूरी हो चुकी है। इसलिए कटाई के बाकी बचे मौसम के दौरान, विशेषकर पंजाब में, पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।
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