घटिया राजनीति के दौर में खटिया ही सहारा, किसी बीमार को कंधे पर टांग कर ले जाया जाता है अस्पताल
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत झारखण्‍ड

घटिया राजनीति के दौर में खटिया ही सहारा, किसी बीमार को कंधे पर टांग कर ले जाया जाता है अस्पताल

by रितेश कश्यप
Nov 9, 2023, 03:26 pm IST
in झारखण्‍ड
चतरा जिले के एक गांव कारिमांडर एवं बुटकुईया के ग्रामीण अपने मृत परिजन का शव ले जाते हुए। अस्पताल में निधन हो गया था। सड़क नहीं होने के कारण गांव तक ऐसे ही किसी बीमार या शव को ले जाया जाता है।

चतरा जिले के एक गांव कारिमांडर एवं बुटकुईया के ग्रामीण अपने मृत परिजन का शव ले जाते हुए। अस्पताल में निधन हो गया था। सड़क नहीं होने के कारण गांव तक ऐसे ही किसी बीमार या शव को ले जाया जाता है।

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

झारखंड के जनजाति—बहुल क्षेत्रों में सड़क, बिजली, शिक्षा जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। घोर अभाव में जीने वाले कई ग्रामीणों की जान इसलिए जा रही है कि उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है।

आजादी के 75 वर्ष बाद भी झारखंड में ऐसे कई गांव हैं, जहां के ग्रामीणों को अब तक बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। इन गांवों में न तो सड़कें हैं, न पानी और न ही बिजली। इस कारण इन गांवों में कोई बीमार होता है, तो लोग उसे कंधे पर टांग कर कई किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाते हैं। हाल ही में ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार हजारीबाग जिले की एक महिला निशा देवी को 4 नवंबर की रात में प्रसव पीड़ा हुई। निशा देवी इस जिले के इचाक प्रखंड के जनजातीय बहुल पुरपरनिया गांव की रहने वाली है। निशा के पति प्रकाश हांसदा बाहर रहकर मजदूरी करते हैं। निशा को जब प्रसव पीड़ा हुई तो घर वाले परेशान हो गए। सड़क नहीं होने के कारण निशा को अस्पताल तक कैसे पहुंचाया जाए! यह सबसे बड़ा सवाल था। कई घंटे तक निशा प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। आखिर में घर वालों ने भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं से संपर्क किया। इसके बाद भाजपा नेता रमेश कुमार हेंब्रम की पहल पर बाबूराम हांसदा, जागेश्वर सोरेन, केशव हांसदा, रोही किस्कू आदि तैयार हुए। इन लोगों ने निशा को एक खटिया पर लेटाया और उसे टांगकर पांच किलोमीटर दूर फुफंदी चौक तक पहुंचाया। यहां से एक वाहन के जरिए इचाक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। अस्पताल में निशा का सुरक्षित प्रसव कराया गया और अभी वह सुरक्षित है।
ऐसे ही इसी वर्ष 9 जून को भी सुरेंद्र किस्कू की पत्नी मुन्नी देवी को प्रसव पीड़ा हुई थी। मुन्नी को भी खटिया के सहारे ही अस्पताल ले जाया गया था।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव तक सड़क न होने के कारण बड़ी दिक्कत होती है। कोई बीमार हो जाता है, तो सोचना पड़ता है कि कैसे क्या होगा। भाजपा नेता रमेश हेम्ब्रम ने बताया कि सरकार ने वादा करके भी अब तक गांव को सड़क मार्ग से नहीं जोड़ा है। हालांकि कई बार इस संबंध में बात भी हुई, लेकिन किसी ने ग्रामीणों की बात को गंभीरता से नहीं लिया है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में कई लोगों को जान तक गंवानी पड़ रही है।

कैलू गंझू और बंगाली गंझू की मौत  

यही हाल चतरा और उसके आसपास का है। 3 अक्तूबर को चतरा के कारीमांडर-बुटकुइया गांव में 30 वर्षीय कैलू गंझू को बिजली का झटका लगा। सड़क की सुविधा न होने की वजह से समय पर उन्हें अस्पताल तक नहीं पहुंचाया जा सका और उनकी मृत्यु हो गई। ग्रामीण राजेंद्र गंझू के अनुसार गांव तक जाने के लिए न सड़क है और न ही नदी पर पुल है। इस वजह से गांव तक किसी तरह का वाहन नहीं आ पाता है। इससे पूर्व 17 सितंबर, 2022 को गांव के बंगाली गंझू को सांप ने काटा था। उस वक्त बारिश का मौसम था और गांव की नदी में पानी अधिक था। इस कारण उन्हें भी समय पर अस्पताल नहीं ले जाया जा सका और उनकी मृत्यु हो गई।

बरसात में पढ़ाई से वंचित बच्चे
गुमला जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर फोरी जुंगाटोली गांव है। फोरी जुंगाटोली के पास से खटवा नदी गुजरती है। इस नदी पर अब तक पुल नहीं बनने से बरसात के दिनों में गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से कट जाता है। बरसात में गांव के बच्चे विद्यालय भी नहीं जा पाते हैं। किसी के बीमार होने पर भी बड़ी दिक्कत होती है।
गुमला के ही एक और लिटिया चुवा गांव में करीब 40 घर हैं। यह गांव छत्तीसगढ़ की सीमा पर बसा हुआ है। यह गांव प्रसिद्ध बाबा टांगीनाथ धाम से सिर्फ 8 किलोमीटर और जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर है। कोरवा जनजाति समुदाय वाले इस गांव के लोगों को पीने के पानी के लिए भी दो किलोमीटर दूर स्थित एक कुएं पर जाना पड़ता है। गांव के लोग लंबे समय से सड़क, बिजली, पानी और दवा जैसी बुनियादी सुविधाओं की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि बुनियादी सुविधाओं के अभाव में इस गांव में कोई अपनी बेटी की शादी तक नहीं करना चाहता।

सुविधाओं के अभाव में पलायन को मजबूर

खूंटी जिले के अंतर्गत तोरपा प्रखंड की उकड़ीमाड़ी पंचायत में भी एक ऐसा गांव है जहां सरकार की कोई योजना नहीं पहुंच पाई है। इस कारण गांव के लोग पलायन को मजबूर होते जा रहे हैं। गांव में एक स्वास्थ्य केंद्र तो है लेकिन अक्सर चिकित्सकों का अभाव रहता है।

चिकित्सा वाहन की जगह खाट

बोकारो जिला अंतर्गत गोमिया प्रखंड की तिलैया पंचायत में दनिया रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर दूर हलवैय गांव है, जो पहाड़ की तलहटी पर बसा है। इस गांव की आबादी लगभग 250 है। गांव में सिर्फ दो हैंंडपंप हैं और उस पानी में भी लौह की मात्रा अधिक होने के कारण लोग पानी का उपयोग नहीं कर पाते हैं। सरकार द्वारा एक कुएं का निर्माण कराया गया है, लेकिन उसमें पानी ही नहीं होता है। ग्रामीणों को पीने का पानी डेढ़ किलोमीटर दूर भितिया नाला से लाना पड़ता है।

Topics: basic infrastructureJharkhandझारखंड
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

बैठक में उपस्थित ग्रामीण

ग्रामीणों ने किया ईसाई बने लोगों का बहिष्कार

प्रतीकात्मक चित्र

झारखंड: बोकारो में मुठभेड़, 1 करोड़ का इनामी विवेक मारा गया, 8 नक्सली ढेर, हथियार और विस्फोटक बरामद

चुनाव नहीं ‘मुस्लिम आयुक्त’ : एसवाई कुरैशी पर निशिकांत दुबे का तीखा हमला, कहा- अब बंटवारा नहीं होगा

Jharkhand 44 christian Adopted sanatan Dharma

घर वापसी: झारखंड में 44 ईसाइयों ने अपनाया सनातन धर्म, 9 साल पहले हुआ था धर्मान्तरण

झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन, दाईं ओर उपद्रवियों का दुस्साहस

“जब ‘सरकार’ ही कहेंगे संविधान के ऊपर शरिया, तो दंगाइयों का दुस्साहस बढ़ेगा ही! “

चम्पाई सोरेन के नेतृत्व में घर वापसी करने को आतुर जनजातीय समाज

झारखंड में घरवापसी की होड़, चर्च की बढ़ी बेचैनी !

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

अर्थ जगत: कर्ज न बने मर्ज, लोन के दलदल में न फंस जाये आप; पढ़िये ये जरूरी लेख

जर्मनी में स्विमिंग पूल्स में महिलाओं और बच्चियों के साथ आप्रवासियों का दुर्व्यवहार : अब बाहरी लोगों पर लगी रोक

सेना में जासूसी और साइबर खतरे : कितना सुरक्षित है भारत..?

उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि शुरू : सीएम धामी ने कहा- ‘फर्जी छद्मी साधु भेष धारियों को करें बेनकाब’

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

इस्लामिक आक्रमण और ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया : उपराष्ट्रपति धनखड़

Uttarakhand Illegal Madarsa

बिना पंजीकरण के नहीं चलेंगे मदरसे : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

देहरादून : भारतीय सेना ने अग्निवीर ऑनलाइन भर्ती परीक्षा सम्पन्न

इस्लाम ने हिन्दू छात्रा को बेरहमी से पीटा : गला दबाया और जमीन पर कई बार पटका, फिर वीडियो बनवाकर किया वायरल

“45 साल के मुस्लिम युवक ने 6 वर्ष की बच्ची से किया तीसरा निकाह” : अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के खिलाफ आक्रोश

Hindu Attacked in Bangladesh: बीएनपी के हथियारबंद गुंडों ने तोड़ा मंदिर, हिंदुओं को दी देश छोड़ने की धमकी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies