कथित किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर हुई गुण्डागर्दी में शामिल रहे लक्खा सिधाना ने सोमवार को बठिंडा जिले के रामपुरा फूल तहसील में सर्वहितकारी विद्यालय में हुल्लड़बाजी की। प्रिंसिपल सहित प्रबंधकों को डराया और धमकाया। अपने कई दर्जन साथियों के साथ विद्यालय में आया लक्खा सिधाना कह रहा था कि यहां पर पंजाबी भाषा की उपेक्षा की जाती है।
सिधाना मंगलवार को कुछ विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों व अपने साथियों को लेकर विद्यालय के बाहर पहुंचा और हंगामा किया। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। उसने पहले ही धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया था, जिसके चलते वहां पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया। एक वायरल वीडियो में लक्खा सिधाना ने विद्यालय के प्राचार्य के हिमाचलवासी होने पर एतराज जताते हुए कहा कि वो पंजाबी नहीं हैं और न ही पंजाबी जानते हैं। वीडियो में विद्यालय प्रबंधक विद्यालय के सीबीएसई नियमों के अनुसार चलने की बात कह रहे हैं लेकिन प्रदर्शनकरी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं दिखे और तरह-तरह के कुतर्क गढ़ते रहे।
दूसरी ओर विद्या भारती के अध्यक्ष मेजर जनरल सुरेश खजूरिया ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया कि सर्वहितकारी स्कूलों में किसी से किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है और न ही किसी को कोई भाषा बोलने से रोका जाता। उन्होंने कहा कि यहां मातृभाषा, हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी सहित अनेक भाषाएं पढ़ाई जाती हैं। प्रिंसिपल के हिमाचल प्रदेश का होने पर मेजर जनरल खजूरिया ने कहा कि देश का नागरिक कहीं भी जाकर काम कर सकता है, उस पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
बताया जा रहा है कि किन्हीं कारणों से विद्या मंदिर से चार अध्यापकों को नौकरी से निकाला गया था। उन्होंने किसान आंदोलन के दबंग लक्खा सिधाना सहित अनेक उस जैसी मानसिकता के लोगों से संपर्क किया और इसके परिणामस्वरूप विवाद हुआ। आज रामपुरा फूल के डीएसपी ने पुलिस फोर्स के साथ पहुंच कर स्कूल के बाहर धरना दे रहे लोगों को सड़क से हटाया और एहतियात के तौर पर लक्खा सिधाना को हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारी अभिभावकों के एक शिष्टमंडल ने स्कूल में जाकर स्कूल प्रबंधकों से बातचीत की।
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