श्री माणकचंद ने कहा कि संघ कार्य ईश्वरीय कार्य है। संघ कार्य को बढ़ावा देने में जागरण पत्रिकाओं का विशेष महत्व है।
गत अक्तूबर को जयपुर में जागरण पत्रिका ‘पाथेय कण’ के संरक्षक एवं राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री माणकचंद के सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। श्री माणकचंद लगभग 34 वर्ष से इस पत्रिका का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
इस अवसर पर संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री भैयाजी जोशी ने कहा कि जीवन में व्यावहारिक सफलता परिश्रम और अध्ययन से प्राप्त हो सकती है, लेकिन सफलता की चिंता न करते हुए ध्येयनिष्ठ और यश-अपयश का विचार किए बिना जीवन जीने वालों का ही जीवन सार्थक होता है।
उन्होंने अरगे कहा कि संघ ने जीवन में कठिनाइयों और बाधाओं से बिना रुके अथवा विचलित हुए सतत राष्ट्र एवं समाज निर्माण का कार्य करने वाले श्रेष्ठ व्यक्तित्वों का निर्माण किया है।
श्री माणकचंद ने कहा कि संघ कार्य ईश्वरीय कार्य है। संघ कार्य को बढ़ावा देने में जागरण पत्रिकाओं का विशेष महत्व है। उन्होंने पाथेय कण के 35 वर्ष तक संपादक रहे कन्हैया लाल चतुर्वेदी सहित अन्य कार्यकर्ताओं के योगदान को याद किया।
पाथेय कण संस्थान के सचिव महेंद्र सिंहल ने पत्रिका की अप्रैल, 1985 से प्रारंभ हुई प्रकाशन यात्रा से सभी को अवगत कराया। इस समय पत्रिका की 1,16,000 से भी अधिक प्रतियां प्रकाशित हो रही हैं। पाथेय कण के संपादक रामस्वरूप अग्रवाल ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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