उत्तराखंड: देवभूमि के मदरसों में पढ़ रहे 700 से ज्यादा हिंदू बच्चे, ले रहे इस्लामिक शिक्षा
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उत्तराखंड: देवभूमि के मदरसों में पढ़ रहे 700 से ज्यादा हिंदू बच्चे, ले रहे इस्लामिक शिक्षा

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड की रिपोर्ट में खुलासा, 30 में से 21 मदरसे हरिद्वार में, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उत्तराखंड शासन से किया जवाब तलब

by दिनेश मानसेरा
Nov 4, 2023, 10:26 am IST
in उत्तराखंड
मदरसे में बच्चे (प्रतीकात्मक चित्र)

मदरसे में बच्चे (प्रतीकात्मक चित्र)

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देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में मदरसों की जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। यह जानकारी सामने आई है कि राज्य के मदरसों में 700 से ज्यादा हिंदू बच्चे इस्लामिक शिक्षा ले रहे हैं। ये रिपोर्ट खुद उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को प्रेषित की है। इसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने उत्तराखंड शासन को पत्र लिखकर चिंता जताई है।

जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद के निदेशक राजेंद्र सिंह ने सूचना मांगे जाने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को अवगत कराया कि उत्तराखंड के 30 मदरसों में 749 हिंदू छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इन तीस मदरसों में कुल 7399 छात्र हैं। इनमें 21 मदरसे हरिद्वार में हैं, 9 उधम सिंह नगर में और 1 मदरसा नैनीताल जिले के गुलरघाटी रामनगर में है। हरिद्वार के ज्वालापुर, बहादराबाद,लक्सर, तिलकपुरी, महावतपुर रुड़की, मगलौर आदि स्थानों पर हैं, जबकि उधम सिंह नगर जिले में डाक बंगला खेड़ा, नई बस्ती, लक्ष्मीपुर, जसपुर, बाजपुर क्षेत्र में केलाखेड़ा, गणेशपुर, काशीपुर के महुआखेड़ा आदि क्षेत्रों में है।

बताया जा रहा है कि इन क्षेत्रों में सरकारी बेसिक माध्यमिक शिक्षा का अभाव है क्योंकि यहां के सरकारी स्कूल कम बच्चे होने की वजह से बंद कर दिए गए हैं। ये सभी क्षेत्र ऐसे हैं जोकि राज्य गठन के बाद मुस्लिम बहुल होते गए और यहां मदरसे खुलते चले गए। खास बात यह है कि इन हिंदू बच्चों को हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल जिला प्रशासन ने आरटीई एक्ट के तहत किसी स्कूल में भर्ती कराने के बारे में सुध नहीं ली।

जानकारी के मुताबिक शासन द्वारा एनसीपीसीआर को जो जानकारी भेजी गई है, वो भी अधूरी है। अभी देहरादून जिले और नैनीताल जिले के अलावा कई स्थान ऐसे हैं जहां सर्वे होना बाकी है। बताया जा रहा है कि यहां के मदरसों में भी बड़ी संख्या में हिंदू बच्चे मजबूरी में इस्लामिक शिक्षा ले रहे हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने उत्तराखंड के अल्प संख्यक मामलो के प्रमुख सचिव एल फेनाई को दो नवंबर 2023 को लिखे अपने पत्र में इस बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा है और इसके पीछे कारण पूछा है कि आखिर हिंदू बच्चे यहां क्यों पढ़ने जा रहे हैं? उन्होंने यह भी पूछा कि जब सरकार ने आरटीई एक्ट 2009 में बच्चों को स्कूली शिक्षा में पढ़ाई का मौलिक अधिकार दिया है तो फिर ये हिंदू बच्चे कैसे इस्लामिक शिक्षा लेने मदरसों में जा रहे हैं ? एनसीपीसीआर ने 9 नवंबर 2023 को इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

मुख्यमंत्री धामी का बयान

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने इस रिपोर्ट के संज्ञान में आने से पहले ही मदरसों की जांच के आदेश दिए हैं। पांच मदरसे बंद भी कराए गए हैं। मदरसों में हिंदू बच्चे इस्लामिक शिक्षा ले रहे हैं, ये विषय गंभीर है। सरकार इन बच्चों को अन्य स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए लिए पूरा प्रयास करेगी। यह भी देखा जाएगा कि आखिर इसके पीछे क्या कारण बने? उन्होंने बताया कि वह स्वयं इस मामले को देख रहे हैं।

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