नई दिल्ली। ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़ा एक केस इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पास ट्रांसफर होने के मामले में दखल देने से इंकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज कर दी।
दरअसल, 1991 में हिन्दू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी पर मालिकाना हक और अन्य जुड़े मामले की अपील पर 2021 से इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस प्रकाश पाडिया सुनवाई कर रहे थे। जस्टिस पाडिया ने इस मामले की सुनवाई पूरी करके अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिकर दिवाकर ने यह कहते हुए मामले को अपने पास ट्रांसफर कर लिया था कि जस्टिस पाडिया बिना अधिकार क्षेत्र के मामले पर सुनवाई कर रहे थे।
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कहा कि सिस्टम का मजाक उड़ाया जा रहा है। जब दूसरी बेंच में इस मामले की सुनवाई हो रही थी। उससे किसी पक्ष को कोई एतराज नहीं था। वैसे भी जब इस मामले की सुनवाई पूरी हो गई और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया गया, तो उसी समय इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने मामले को अपने कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दे दिया। इसके बाद मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष मुस्लिम पक्ष के वकील ने दलीलें दी। पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय में यह मानक प्रथा है। हमें उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
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