उत्तराखंड : आखिर कौन काट रहा है जंगल ? वन विभाग के अधिकारी हाईकोर्ट में तलब, लगी फटकार
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

उत्तराखंड : आखिर कौन काट रहा है जंगल ? वन विभाग के अधिकारी हाईकोर्ट में तलब, लगी फटकार

जंगलों में घुस गए हैं तस्करों के गैंग, योजनाबद्ध तरीके से काट रहे हैं हरे पेड़, आरा मशीनों के जरिए हो रही है इमारती लकड़ी की तस्करी

by दिनेश मानसेरा
Nov 3, 2023, 11:22 am IST
in भारत, उत्तराखंड
नैनीताल हाईकोर्ट

नैनीताल हाईकोर्ट

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नैनीताल। उत्तराखंड के जंगलों में यूपी से आए कट्टरपंथी मुस्लिम न सिर्फ जनसंख्या असंतुलन पैदा कर रहे हैं बल्कि वे जंगलों में बेशकीमती हरे पेड़ भी काट रहे हैं। यह इमारती लकड़ी बाजार में बिक रही है और पेड़ों की शाखाएं काटकर जलौनी लकड़ी के रूप में बाजारों में बिक रही है।

उत्तराखंड में जंगल की लकड़ी काटने और उसे लॉट बनाकर नीलाम कर बेचने का जिम्मा उत्तराखंड वन विकास निगम को है, लेकिन क्या जितनी लकड़ी वन निगम बेच रहा है उससे ज्यादा बाजार में चोरी की लकड़ी बाजार में बिक रही है? पिछले दिनों जौनसार बावर इलाके में टोंस, कालसी वन प्रभाग में देवदार की लकड़ी के स्लीपर बरामद हुए, जो चोरी से काटे गए थे। बताया जाता है कि देवदार पेड़ों का अवैध कटान पिछले कई सालों से हो रहा है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में भी पेड़ों के अवैध कटान के मामले की जांच सीबीआई कर रही है, देहरादून के आसपास गोल्डन फॉरेस्ट और टी गार्डन क्षेत्र में पेड़ों के अवैध कटान के मामले पिछले कुछ समय से सुर्खियो में हैं।

ऐसी जानकारी मिल रही है कि उत्तराखंड के जंगलों में मुस्लिम गुज्जरों के साथ साथ यूपी के मुस्लिम तस्करों की घुसपैठ हो चुकी है। ये लोग जंगलों में खैर, शीशम, साल, देवदार, सुरई, चीड़, हल्दु प्रजाति की इमारती लकड़ियों की तस्करी में लिप्त है।

जानकारी के मुताबिक ये लकड़ी तस्कर आधुनिक कट्टर लेकर मोटर बाइक में अंदर जाते हैं और पेड़ों को जड़ के पास से काट आते हैं। गिरे पेड़ की टहनियों की छ्टनी कर दी जाती है और ये लकड़ी साइकिलों पर लादकर जंगलों के पास के गांवों में एकत्र की जाती है और वहां से बाजारों में आकर बिक जाती है। जंगल में जो पेड़ गिराए जाते हैं उनके तनों को तीन से छह फीट के गिल्टे बनाकर बाइक अथवा वन कर्मियों के साथ मिलीभगत करके छोटे बंद बॉडी के वाहनों के जरिए आरा मशीनों तक पहुंचा कर उनका हाथोंहाथ चिरान कर दिया जाता है।

उत्तराखंड में करीब 400 आरा मशीनों का स्वामित्व भी मुस्लिम लोगों के पास है और इनके गुर्गे जंगलों में लकड़ी तस्करी में लिप्त रहे हैं। पिछले दिनों तराई वेस्ट फॉरेस्ट डिवीजन के डीएफओ प्रकाश आर्य ने ऐसे मामलों को पकड़ा भी था।

उत्तराखंड के सत्तर फीसदी हिस्से में जंगल है और बेशकीमती लकड़ी का खजाना है। जिसकी सुरक्षा वन अधिकारियों और वन कर्मियों के हाथो में है। वन विभाग में शायद ही कोई ऐसा अधिकारी होगा जिसने पेड़ों की अवैध कटाई न कराई हो। बड़े-बड़े अधिकारियों पर इस समय हरे पेड़ों की अवैध कटाई के आरोप में जांच पड़ताल चल रही है। ये जांच भी दबाई जाती रही है क्योंकि वन महकमा ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने लिया संज्ञान

नैनीताल हाई कोर्ट ने कालाढूंगी से बाजपुर के बीच चल रहे पेड़ों के अवैध कटान के मामले में राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद वशिष्ठ को सीनियर काउंसल और हर्षपाल शेखों को एमेकस क्यूरी (न्यायमित्र) बनाया है। सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत मौजूद रहे डी.एफ.ओ.ने रिकार्ड पेश किये जिससे उच्च न्यायालय असंतुष्ट दिखा।

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खण्डपीठ ने पाया कि वन विभाग के ऑफिसियल रजिस्टर में जो चालान दर्ज किए गए थे वे सब एक ही व्यक्ति और पैन द्वारा दर्ज किए गए थे। न्यायालय में आज डीएफओ तराई हिमांशु बागरी, डीएफओ तराई प्रकाश आर्य और रेंजर बन्नाखेड़ा लक्ष्मण मरतोलिया उपस्थित हुए।

बीते 30 अकटूबर को न्यायालय ने डीएफओ से पूछा था कि ये पेड़ किस नियमावली के तहत काटे जा रहे हैं ? चेकिंग पोस्ट पर कितने वाहनों का चालान किया गया, ये न्यायालय को बताएं ? खंडपीठ ने यह भी कहा कि चेकिंग पोस्ट में नियुक्त कर्मचारी वाहनों की चेकिंग किये बगैर ही उन्हें जाने दे रहे हैं। सुनवाई पर न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ग्रामीण प्रत्येक दिन साइकिल पर लगभग दो कुंटल लकड़ी लदी साइकिल को धक्का मारकर ले जा रहे हैं। न्यायालय ने कहा कि खाना बनाने के लिए प्रत्येक दिन कितनी लकड़ी की जरूरत होती है ? हमने देखा है कि उस क्षेत्र में हर घर के सामने कई कुंटल लकड़ियां जमा कर रखी गई है। क्या यह वनों का विदोहन नहीं है ? अधिकारी इस पर कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। मामले के अनुसार न्यायमूर्ति शरद शर्मा ने दिल्ली जाते वक्त उस क्षेत्र में हो रहे पेड़ो के अवैध कटान का स्वतः संज्ञान लिया, जिसपर आज मामले की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए सम्बंधित क्षेत्र के डी.एफ.ओ.और अन्य अधिकारियों को तलब किया गया था।

सेटेलाइट तस्वीरें बता देती हैं पेड़ों का अवैध कटान

उत्तराखंड में जंगल में कहां-कहां हरे पेड़ों का कटान हो रहा है, ये साक्ष्य वन विभाग को सेटेलाइट तस्वीरें बता देती हैं। ऐसे कई प्रमाण वन विभाग के उच्च अधिकारियों के पास मौजूद है। अवैध पेड़ों की कटाई की जांच करने वाले अधिकारी भी इसी आधार पर अपनी जांच आगे बढ़ाते हैं, उसके बाद मौके पर जाते हैं।

बड़ा सवाल ये है कि जांच के बाद भी प्रभावी कार्रवाई क्यों नही की जाती ? क्यों नहीं उस इलाके के डीएफओ पर गाज नही गिरती ? क्या नीचे से ऊपर तक जंगल के सफाए के खेल चल रहा है ?

सीएम धामी का बयान

हमने फॉरेस्ट के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जंगल काटने वालों को बख्शा नहीं जाए, इन पर गैंगस्टर, रासुका भी लगाएं। हरे पेड़ हमारी धरोहर हैं, हमने टोंस कालसी मामले में एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाएगा।

Topics: लकड़ी की तस्करीtimber smugglingCM Pushkar Singh Dhamiउत्तराखंडUttarakhandजनसंख्या असंतुलनpopulation imbalanceNainital High Courtसीएम पुष्कर सिंह धामीनैनीताल हाईकोर्ट
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

pushkar singh dhami

उत्तराखंड : सीएम धामी ने चारधाम और बांधों की सुरक्षा बढ़ाने के दिए निर्देश, अलर्ट मोड पर अधिकारी

हरिद्वार में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई : 12 अवैध मदरसे सील, पूरे उत्तराखंड में अब तक 213 बंद

उत्तराखंड बना वेडिंग हब! : जहां हुआ शिव-पार्वती विवाह वहां पर संपन्न हुए 500+ विवाह, कई विदेशी जोड़ों पसंदीदा डेस्टिनेशन

राज्य सरकार कीवी और हिमालयन उत्पादों की बढ़ोतरी पर करे काम, केंद्र सरकार देगी पूरा सहयोग

उत्तराखंड : नंदप्रयाग में मुरारी बापू की राम कथा में पहुंचे CM धामी, सनातन संस्कृति पर कही बड़ी बात

Uttar Pradesh Rape and conversion case

अफजाल ने नाबालिग भतीजी के साथ की दरिंदगी, दुष्कर्म कर जंगल में छोड़ा, पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

नैनीताल प्रशासन अतिक्रमणकारियों को फिर जारी करेगा नोटिस, दुष्कर्म मामले के चलते रोकी गई थी कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (चित्र- प्रतीकात्मक)

आज़ाद मलिक पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का संदेह, ED ने जब्त किए 20 हजार पन्नों के गोपनीय दस्तावेज

संगीतकार ए. आर रहमान

सुर की चोरी की कमजोरी

आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर

कंधार प्लेन हाईजैक का मास्टरमाइंड अब्दुल रऊफ अजहर ढेर: अमेरिका बोला ‘Thank you India’

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के बाद क्षतिग्रस्त दीवारें, टूटी खिड़कियां और ज़मीन पर पड़ा मलबा

पाकिस्तानी सेना ने बारामुला में की भारी गोलाबारी, उरी में एक महिला की मौत

बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाके (फाइल चित्र)

पाकिस्तान में भड़का विद्रोह, पाकिस्तानी सेना पर कई हमले, बलूचिस्तान ने मांगी आजादी, कहा – भारत में हो बलूच दूतावास

“भय बिनु होइ न प्रीति “: पाकिस्तान की अब आएगी शामत, भारतीय सेना देगी बलपूर्वक जवाब, Video जारी

खेत हरे, खलिहान भरे

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies