संस्कृति का साक्षात्कार 
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम पुस्तकें

संस्कृति का साक्षात्कार 

वैज्ञानिक युग में यह जरूरी है। उपन्यास के कथानक के अनुसार, यह कहानी लंदन से अपने दोस्तों के साथ भारत देखने आए विलियम की कहानी है जो कि 14 वर्ष का बालक है।

by WEB DESK
Nov 2, 2023, 10:30 am IST
in पुस्तकें
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

रामायण और महाभारत की कथाएं, दरअसल हमारा इतिहास ही हैं लेकिन कहीं-कहीं इन कथाओं में कई ऐसे दृष्टांत भी आते हैं जिन पर सहज विश्वास नहीं होता।

चर्चित उपन्यासकार और साहित्यकार डॉ. सीतेश आलोक का किशोरोपयोगी उपन्यास है- ‘विलियम रामायण ले गया।’ यह उपन्यास बाल मनोविज्ञान के वैज्ञानिक विमर्श की आवश्यकता को रेखांकित करता है। हमारा भारतीय साहित्य काफी समृद्ध है और सूत्रों में अपनी बात कहता है। सारे सूत्र लगभग काव्यात्मक हैं और इस कारण अतिशयोक्ति से पूर्ण हैं। रामायण और महाभारत की कथाएं, दरअसल हमारा इतिहास ही हैं लेकिन कहीं-कहीं इन कथाओं में कई ऐसे दृष्टांत भी आते हैं जिन पर सहज विश्वास नहीं होता।

खासकर जब किशोरमन इन पर कई प्रश्न खड़े करता है जिनका उत्तर देना बड़ों के लिए भी कठिन हो जाता है। और धीरे-धीरे वे इन कथाओं को काल्पनिक समझने लगते हैं, मिथक मानने लगते हैं। लेखक ने प्रस्तुत उपन्यास में किशोरों के मन में उठने वाले इन सवालों को वैज्ञानिक ढंग से समझाते हुए कथानक को पात्रों के माध्यम से बड़ी रोचकता के साथ विस्तार दिया है। जैसे रामकथा को लेकर उठने वाले प्रश्न जैसे क्या हनुमान बंदर थे? क्या हनुमान हवा में उड़ सकते थे?

क्या वे सचमुच पहाड़ उठा कर ले आए थे? माया क्या होती है? मेघनाथ लड़ते-लड़ते कैसे गायब हो जाता था? रावण के दस सिर और बीस हाथ कैसे संभव हैं? राम ने उस धनुष को कैसे उठा लिया था जिसे कई योद्धा एक साथ मिलकर भी नहीं उठा पाए थे? आदि-आदि को इस उपन्यास में बहुत दी तर्कपूर्ण ढंग से और वैज्ञानिक सोच के साथ समझाया गया है।

जैसे, ‘कुंभकर्ण छह महीने सोता था’ इस बात को, पात्रों के माध्यम से लेखक ने इस प्रकार अपने उपन्यास में समझाया है, ‘‘लेकिन यह कि उसका ( कुंभकर्ण का ) छह महीने तक सोते रहना भी यही कविता वाली अतिशयोक्ति की बात है…’’दादा जी ने कहा, ‘‘जैसे आजकल भी कोई बहुत सोता हो तो क्रोध में लोग कह बैठते हैं कि यह तो दिन-रात  सोता ही रहता है।’’ ‘‘तो उसके छह महीने सोने की बात कहां से आई दादा जी?’’ संदीप ने पूछा। ‘‘मैं बताऊँ…’’ सुरेंद्र ने बीच में ही चहककर कहा, ‘‘नहीं, दादा जी को बताने दो… ।’’ प्रदीप ने कहा।

पुस्तक समीक्षा 

पुस्तक का नाम : विलियम रामायण ले गया
विधा : उपन्यास
लेखक : डॉ सीतेश आलोक
मूल्य : 300 रु.
पृष्ठ : 160
अमरसत्य प्रकाशन, 109,
ब्लॉक बी,
प्रीत विहार,
दिल्ली-110092

‘‘वह भी बता सकता है… ’’ दादा जी बोले, ‘‘कुछ समय पहले मैंने ही बताया था। लेकिन चलो प्रदीप कहता है, तो मैं ही बता दूं। यदि कोई प्रतिदिन बारह घंटे सोए, तो एक वर्ष में कितने घंटे सोएगा?’’ ‘‘प्रतिदिन बारह घंटे! अर्थात्… ’’ प्रदीप ने सोचते हुए कहा। ‘‘और दिन में होते हैं चौबीस घंटे यानी आधा दिन…’’ संदीप ने कहा। ‘‘वर्ष में छह महीने…’’ सुरेंद्र ने हंसते हुए कहा, ‘‘हां… वर्ष में छह महीने….।’’

दादा जी ने मुस्कराकर समझाते हुए कहा, ‘‘बात यह है कि पहले समय में यह मान्यता थी कि व्यक्ति को प्रतिदिन छह घंटे या अधिक से अधिक आठ घंटे सोना चाहिए। छह घंटे ब्रह्मचारियों, विद्यार्थियों आदि को… और अधिक से अधिक आठ घंटे उन लोगों को जो कठिन शारीरिक श्रम करते हैं… जैसे किसान, सैनिक, मजदूर आदि। अधिक सोने वाले का सभी उपहास करते थे और उस पर व्यंग्य किया करते थे। कुंभकर्ण तो राक्षस था। वे लोग भी इतना अधिक सोने को बुरा समझते थे।’’

इसी प्रकार किशोरों के मन में उठ सकने वाले प्रश्नों को तर्कसंगत और वैज्ञानिक आधार पर समझाया गया है। यह भी हो सकता है कि कुछ लोगों को यह सब आपत्तिजनक लगे, लेकिन वैज्ञानिक युग में यह जरूरी है। उपन्यास के कथानक के अनुसार, यह कहानी लंदन से अपने दोस्तों के साथ भारत देखने आए विलियम की कहानी है जो कि 14 वर्ष का बालक है।

वह एक भारतीय परिवार में ठहरता है। जहां पर वह मित्रों के दादाजी, चाचा-चाची जी और परिवार के बच्चों से घुल-मिल जाता है। वह टी. वी. पर रामायण धारावाहिक देखते हुए कई प्रश्न करता है। जिनका उत्तर उसे दादा जी के माध्यम से मिलता रहता है।

वह भारत में मनाए जाने वाले जन्मदिन से भी रू-ब-रू होता है और इसे अपने देश में मनाए जाने वाले जन्मदिन से भिन्न पाता है। वह ताजमहल देखने के साथ-साथ मथुरा, वृंदावन भी घूमता है। सलीम चिश्ती की दरगाह, फतेहपुर सीकरी, बुलंद दरवाजा आदि भी देखता है। अंत में लौटते समय वह अपने साथ रामायण धारावाहिक की सी.डी. ले जाता है।
– नरेश शांडिल्य 

Topics: विलियम रामायणरामायण और महाभारत की कथाएंसंस्कृतिहमारा इतिहास
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

होली

होली के रंग, लोक संस्कृति के संग : होली के रंगों के पीछे छिपे अनगिनत रंग

Lokbhasha Bhartiya Sanskriti

लोकभाषा के बिना लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता

जे नंदकुमार

‘‘लोकमंथन केवल आयोजन नहीं, एक आंदोलन है’’ -जे नंदकुमार

प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार बिबेक देबरॉय

धर्म एवं अर्थ के ज्ञाता

पहचानिए उस निकृष्ट सोच को

सालते सवाल, संभलता समाज

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies