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BREAKING: कतर में मौत की सजा पाए पूर्व नौसेना कर्मियों ने नहीं की जासूसी, परिजनों ने कहा- फैलाई गई गलत सूचना

खाड़ी देश की अदालत ने जिन आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा सुनाई है, उसको लेकर पश्चिमी एशिया मीडिया में भ्रम फैलाया जा रहा है

by WEB DESK
Nov 1, 2023, 10:46 am IST
in विश्व
कतर में हिरासत में लिए गए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी (प्रतीकात्मक चित्र)

कतर में हिरासत में लिए गए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी (प्रतीकात्मक चित्र)

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नई दिल्ली : कतर में हिरासत में लिए गए और खाड़ी देश की अदालत ने जिन आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा सुनाई है, उसको लेकर पश्चिमी एशिया मीडिया में भ्रम फैलाया जा रहा है। इन पूर्व सैन्यकर्मियों के परिवारों और दोस्तों ने कहा कि इस मामले में पश्चिमी एशिया की मीडिया ने गलत जानकारी फैलाई है। सेवानिवृत्त नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने जिन आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी, उन आरोपों को अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है।

परिजनों का कहना है कि मीडिया में ठोस जानकारी का अभाव है। पश्चिम एशियाई मीडिया में बहुत सारी गलतफहमियां पैदा हो रही हैं। कतर में हिरासत में लिए गए लोगों में से एक के रिश्तेदार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पश्चिम एशिया के कई मीडिया आउटलेट्स ने गलत जानकारी दी। भारतीय नौसेना के जवानों पर एक पनडुब्बी परियोजना पर जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। कतर ने जासूसी के इन आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत भी सार्वजनिक नहीं किया है। कोई भी डहरा ग्लोबल (पूर्व नौसेना कर्मियों के पूर्व नियोक्ता) का प्रतिनिधित्व करते हुए किसी भी पनडुब्बी परियोजना पर काम नहीं कर रहा था।

डहरा ग्लोबल के कर्मचारियों ने जहाजों के रखरखाव और कतर की नौसेना को प्रशिक्षण देने के लिए एक उपठेकेदार के रूप में इतालवी जहाज निर्माण कंपनी फिनकैंटिएरी के साथ काम किया। डहरा ग्लोबल ओमान में स्थित डहरा इंजीनियरिंग एंड सर्विसेज एलएलसी की सहायक कंपनी थी और मुख्य रूप से कतर और जीसीसी देशों का समर्थन करती है। इसने पूर्व नौसेना कर्मियों को नियुक्त किया और कतर की नौसेना को प्रशिक्षण और संबंधित सेवाएं प्रदान कीं।

पूर्व नौसेना कर्मियों के परिवारों को लगता है कि प्रसारित की गई गलत जानकारी पूर्व नौसेना कर्मियों की स्थिति को और खतरे में डाल सकती है। आठ पूर्व नौसैनिकों ने भारतीय नौसेना में रहते हुए सर्वोच्च निष्ठा और सम्मान के साथ देश की सेवा की है।

आठ लोग अगस्त 2022 से कतर अधिकारियों की हिरासत में हैं। परिवारों का कहना है कि यह दोनों देशों के बीच का द्विपक्षीय मामला है और इसे बेहद संवेदनशीलता के साथ संभालने की जरूरत है।

30 अक्टूबर को परिजनों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। बुधवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार ने भी हिरासत में लिए गए लोगों के परिवारों को आश्वस्त किया। एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। सभी कानूनी विकल्प तलाशे जा रहे हैं।

Topics: एस जयशंकरमौत की सजाभारतीय नौसेनाकतरपूर्व अधिकारीनौसेना के अधिकारी
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