अमरावती। कौशल विकास घोटाला मामले में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट से चंद्रबाबू नायडू को अंतरिम जमानत मिल गई है। इसके बाद मंगलवार को राजमुंदरी सेंट्रल जेल से रिहाई हो गई है।
राजमुंदरी जेल से बाहर निकलते ही आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के समर्थकों ने उन्हें घेर लिया। जेल से बाहर आने पर चंद्रबाबू नायडू ने कार्यकर्ताओं से कहा कि जब मैं मुसीबत में था, तो आप सभी सड़कों पर आए और मेरे लिए प्रार्थना की। मैं न केवल आंध्र प्रदेश में, बल्कि तेलंगाना और दुनिया भर में मुझे दिए गए स्नेह को कभी नहीं भूलूंगा।
इससे पहले आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने मंगलवार को चार सप्ताह के लिए नायडू को सशर्त अंतरिम जमानत दी है। कोर्ट ने सशर्त जमानत में यह भी कहा कि चंद्रबाबू को 24 नवंबर को कोर्ट में आत्मसमर्पण करना होगा।
चंद्रबाबू नायडू पर कौशल विकास कारपोरेशन घोटाले का केस चल रहा है। आरोप है कि नायडू ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में 371 करोड़ का घोटाला किया। उन्होंने विधान सभा की अनुमति के बिना कॉर्पोरेशन की स्थापना की और फर्जी बिलों के माध्यम से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया।
2015 में स्किल डेवलपमेंट-सीमेंस परियोजना सामने आई। टीडीपी सरकार ने सीमेंस और डिजाइन टेक कंपनियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना की कुल लागत 3,356 करोड़ रुपये थी और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत थी। इस परियोजना में 371 करोड़ रुपये के घपले के आरोपों की पृष्ठभूमि में वाईपीसी सरकार ने अगस्त, 2020 में जांच के आदेश दिए। मंत्रिस्तरीय उपसमिति से जांच करायी गयी। 10 दिसंबर, 2020 को विजिलेंस जांच कराई गई। एसीबी ने 9 फरवरी, 2021 को जांच शुरू की। मामला 9 दिसंबर, 2021 को सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया।
नायडू को हाल ही में इनकम टैक्स का नोटिस साल 2014 से 2019 के बीच हुई गड़बड़ी के मामले में दिया गया। आरोप है कि चंद्रबाबू नायडू ने 118 करोड़ रुपये की आय छुपाई है। इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिलने के बाद चंद्रबाबू नायडू ने अनंतपुर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए अपनी गिरफ्तारी होने तथा अपने ऊपर हमले की आशंका जताई थी। उसके बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी। टीडीपी ने राज्य के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया था।
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