नई दिल्ली। वाल्मीकि जयंती के अवसर पर शनिवार को लाल किले से हर वर्ष की तरह इस साल भी विशाल शोभायात्रा निकली गई, जिसमें दिल्ली के प्रमुख वाल्मीकि संगठन व मंदिर इसमें झांकियां लाए और बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। यात्रा के मार्ग में जगह-जगह लोगों ने फूल बरसाकर शोभायात्रा का स्वागत किया। इस दौरान खाने पीने के समान के भंडारे भी लगाए गए।
शोभायात्रा में हर वर्ष की भांति, इस बार भी संघ परिवार के प्रमुख लोगों ने इसमें भाग लिया। विश्व हिन्दू परिषद की ओर से केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार भी लाल किले के मंच पर रहे और रथ में सजाई गई भगवान वाल्मीकि की प्रतिमा को प्रणाम कर यात्रा का शुभारंभ किया। इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद् के और विशेष तौर पर समरसता के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के विभिन्न वाल्मीकि मंदिरों में श्रद्धापूर्वक वाल्मीकि जयंती के समारोहों में सक्रिय सहभागिता की।
आलोक कुमार 29 अक्टूबर 2023 को झारखंड के रामगढ़ और खूंटी जिलों में विश्व हिंदू परिषद्द्वा रा आयोजित महर्षि वाल्मीकि जन्मोत्सव के कार्यक्रमों में शामिल हुए। वह हजारीबाग में भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज द्वारा आयोजित जयंती कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इसका आयोजन विशाल वाल्मीकि ने किया। इसमें दिल्ली से विशेष तौर पर पूज्य संत विवेक नाथ जी पधारे।
इन उत्सवों में विशेष तौर पर इस पर बल दिया गया कि महर्षि वाल्मीकि किसी जाति विशेष के नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समाज के लिए सम्माननीय महर्षि और भगवान हैं। वह आदिकवि, त्रिकाल दृष्टा हैं। लव कुश को उनकी शिक्षाओं से ही युद्ध कौशल, गायन और राजा के कर्तव्यों की शिक्षा मिली। यही कारण है श्री रामजन्मभूमि अयोध्या के परिसर में वाल्मीकि जी का सुन्दर मंदिर बनाना भी निश्चित हुआ है।
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