किसी न किसी कारण से सनातन धर्म को त्यागकर दूसरे पंथों को अपनाने वाले दुनियाभर के लोग अब तेजी से सनातन धर्म में घर वापसी कर रहे हैं। दिन प्रतिदिन ऐसे लोगों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी 100 हिन्दुओं ने ईसाइयत को त्यागकर वापस से अपने स्व धर्म सनातन में घर वापसी की। ये लोग लंबे वक्त से अपने स्व धर्म में वापसी की कोशिशों में लगे हुए थे, केवल सही वक्त की प्रतीक्षा में थे।
घर वापसी का ये मामला बांग्लादेश के खगराचारी जिले का है। यहां घर आर्य समाज की ओर से आयोजित घर वापसी समारोह में 100 लोगों ने ईसायत को छोड़कर सनातन धर्म में वापसी की। विशेष रूप से, जो लोग सनातन हिन्दू धर्म में वापस आए, वे जांजतिया त्रिपुरा समुदाय से आते हैं। कई साल पहले ईसाई मिशनरियों ने इन्हें और इनके पूर्वजों को अच्छा कपड़ा, खाना और अच्छी शिक्षा का लालच देकर ईसाई पंथ में परिवर्तित कर दिया था।
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रिपोर्ट के मुताबिक, ईसाइयत में परिवर्तित किए गए लोग हाल के वर्षों में अपने पूर्वजों के धर्म में वापस आना चाहते थे। इसके लिए वो कोशिशों में लगे थे। इसी के तहत इन लोगों ने उन्होंने स्थानीय हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं से संपर्क किया। इसके बाद हिन्दू कार्यकर्ताओं ने ‘आर्य समाज’ की मदद से एक घर वापसी समारोह का आयोजन किया। इसी महीने शनिवार 28 अक्टूबर को बीर चटटाला गांव में घर वापसी समारोह का आयोजन किया गया था। यज्ञ में ‘आहुति’ देकर और वैदिक मंत्रों का उच्चारण करके त्रिपुरा समुदाय के परिवर्तित जनजातीय लोगों ने सनातन हिंदू धर्म को अपनाया।
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश और भारत के नॉर्थईस्ट की भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाकर ईसाई मिशनरियों ने वहां पर बड़े पैमाने पर कन्वर्जन का रैकेट चलाया। इनके बहकावे में कई सारे हिन्दू ईसाई बन गए। इसी तरह से बांग्लादेश के खगराचारी जिले समेत चटग्राम हिल ट्रैक्स इलाके के पहाड़ी इलाकों में भी कई ईसाई मिशनरी समूह सक्रिय हैं। वे मुख्य रूप से पहाड़ी इलाकों में रहने वाले बेहद गरीब जनजातीय लोगों को निशाना बनाते हैं।
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