विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने सोमवार को इस्लामिक देश कतर में जासूसी के आरोप में फांसी की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों के परिवार वालों से मुलाकात की। उन्होंने पूर्व नौसैनिकों के परिजनों को इस बात का भरोसा दिलाया है कि भारत सरकार अपने 8 नौसैनिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए पूरी कोशिश करेगी।
इस बात की जानकारी खुद विदेशमंत्री डॉ एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट के जरिए दी है। सुबह सात बजे दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करीब 3 घंटे तक 8 नौसैनिकों के परिवार के लोगों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को बहुत ही महत्वपूर्ण मान रही है। उन्होंने ये भी दोहराया कि सरकार अधिकारियों की रिहाई के लिए अपनी पुरजोर कोशिशों को जारी रखेगी। इस मामले में पीड़ितों के परिवार वालों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।
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गौरतलब है कि कतर में जिन 8 नौसेना के पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई गई है , उसमें कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और सेलर रागेश गोपकुमार शामिल हैं। ये सभी अधिकारी अल दाहरा कंपनी में काम करते थे। ये कंपनी डिफेंस इक्विपमेंट बनाती थी। फिलहाल ये कंपनी बंद हो चुकी है। हालांकि, इन सभी अधिकारियों को पिछले साल ही कतर के इस्लामिक प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया था।
कतर सरकार ने इन पर जासूसी का आरोप लगाया था। कतर ने आरोप लगाया था कि ये सभी नौसैनिक इजरायल के लिए जासूसी करते थे। इन सभी अधिकारियों को पिछले साल 30 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। इन्हें कतर की इंटेलीजेंस एजेंसी स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद इन सभी अधिकारियों को सॉलिटरी कन्फाइनमेंट यानी कि एक ऐसे एकांत सेल में बंद कर दिया गया था, जहां पर केवल एक ही व्यक्ति होता है। यहां पर इन अधिकारियों को किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं थी।
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