पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार किसी से छिपा नहीं है। हिंदू लड़कियों का अपहरण, बलात्कार, इस्लाम में कन्वर्जन और जबरन निकाह की खबरें अक्सर सामने आती हैं। हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व हिंदू क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने भी खुलासा किया है कि उनके साथ किस तरह का सुलूक किया गया। हिंदुओं पर जुल्म की एक और खबर सामने आई है। जिहादियों ने एक हिंदू बच्ची का अपहरण कर लिया है।
घटना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के टांडो मोहम्मद खान की है। बच्ची की उम्र महज 13 साल है। उसकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने आशंका जताई है कि दरिंदे उनकी मासूम बेटी का इस्लाम में कन्वर्जन कराकर निकाह करा देंगे। पाकिस्तान में हिंदू सुरक्षित नहीं है। रोज मामले सामने आने के बाद भी हिंदुओं के समर्थन में आवाज नहीं उठती है। सोशल मीडिया पर किसी भी बात पर भारत को घेरने वाले कथित सेकुलर और कथित लिबरल ऐसी घटनाओं पर आंख और कान दोनों बंद कर लेते हैं।
एक सप्ताह पहले रंजीता मेघवार कोल्ही को जिहादियों ने अगवा किया और इस्लाम में कन्वर्ट कर दिया। सिंध में जून के महीने में नाबालिग हिंदू लड़की को अगवा किया गया और उसे इस्लाम कुबूल कराया गया। पाकिस्तान की कोर्ट ने भी उसे उसके माता-पिता के पास भेजने से मना कर दिया। अक्टूबर में कासिम वाला बंगला इलाके हिंदू लड़की से बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई।
जुलाई में ही सिंध प्रांत में तीन बहनों को अगवा कर इस्लाम में कन्वर्ट कर निकाह करा दिया गया। इस साल जनवरी में विवाहित हिंदू लड़की को अगवा किया गया। उसने इस्लाम में कन्वर्ट होने से मना कर दिया तो उसके साथ बलात्कार कर छोड़ दिया गया। यह घटना दक्षिणी सिंध इलाके की थी।
दिसंबर 2022 में सिंझोरो में 40 साल की हिंदू महिला की हत्या की गई। उसके स्तन काट दिए गए। पिछले साल यानी 2022 की मार्च की भी एक घटना है। हिंदू लड़की पूजा ने मुस्लिम से निकाह करने से मना कर दिया था तो सरेआम उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
इतना ही नहीं, हिंदुओं की जमीन पर अवैध कब्जा करना, मंदिरों को तोड़ना, हिंदुओं को फांसी पर लटका देना, ये सब कबीलाई पाकिस्तान में आए दिन होता रहता है। हाल ही में उमरकोट में शिव मंदिर की जमीन पर कब्जा कर शॉपिंग मार्केट बनाने की तैयारी की जा रही है। सिंध के गांवों में तो दो-तीन दिन पहले उर्दू में लिखे धमकी भरे पर्चे लगा दिए गए कि दीवाली से पहले हिंदू पाकिस्तान छोड़कर चले जाएं।
पर्चों में लिखा गया कि इस बार हिंदुओं को दीवाली नहीं मनाने दिया जाएगा। जो लोग दीवाली मनाना चाहते हैं वे पाकिस्तान छोड़कर अन्य देशों में चले जाएं। हालांकि इन पर्चों में किसी संगठन का नाम नहीं है, लेकिन ये किसी प्रिंटिंग प्रेस में छपवाए गए प्रतीत होते हैं। इसलिए गहरी साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है। ये बिल्कुल वैसे ही जैसे कि नब्बे के दशक में कश्मीरी हिंदुओं को कश्मीर से पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया गया, उनका नरसंहार किया गया।
ये तो महज कुछ घटनाएं जिन्हें पढ़कर सिहरन होती है, जरा सोचिये उन अल्पसंख्यक हिंदुओं पर क्या बीतती होगी जो वहां रह रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर इन हिंदुओं की सिसकियां नहीं सुनाई देती हैं। भारत का कथित सेकुलर जमात भी इस पर खामोशी की चादर ओढ़े बैठा रहता है। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने आवाज उठाई है। उन्होंने अपने साथ हुए अन्याय को बताया है। लेकिन उनका साथ कथित सेकुलर मीडिया और सेलेक्टिव सेकुलर सोच वाले लोग देंगे, इसकी उम्मीद कम ही है।
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