तमिलनाडु की एमके स्टालिन की अगुवाई वाली डीएमके सरकार लगातार हिन्दुओं की आस्था का मजाक बनाने की कोशिशों में लगी हुई है। जय श्री राम के उद्घोष से चिढ़ने वाली डीएमके को अब भगवान राम काल्पनिक दिखने लगे हैं। डीएमके के नेता टीकेएस एलनगोवन ने रामायण को कहानी और भगवान राम को काल्पनिक करार दे दिया है। एलनगोवन का आऱोप है कि मोदी सरकार ने इतिहास को पौराणिक कथाओं से बदल दिया है।
डीएमके नेता का यह बयान अयोध्या में तैयार हो रहे राम मंदिर का उद्धाटन करने का निमंत्रण पीएम नरेंद्र मोदी को मिलने के बाद आया है। टीकेएस एलंगोवन ने कहा, “मैं क्या कह सकता हूं? उन्होंने इतिहास को ध्वस्त कर दिया है और उसकी जगह पौराणिक कथाओं ने ले ली हैं। किसी भी देश को अपने इतिहास पर गर्व होना चाहिए, इतिहास जानना चाहिए। राम का जन्म पौराणिक कथा है, रामायण की कहानी है। यह साहित्य है। वे इतिहास को पौराणिक कथाओं से बदलना चाहते हैं। भाजपा यही करने की कोशिश कर रही है।”
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इसके साथ ही डीएमके नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राम मंदिर को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। टीकेएस एलंगोवन का कहना है कि पीएम मोदी को भगवान राम में कोई इंट्रेस्ट नहीं है। बीजेपी राम को नहीं मानती है। वो इसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रही है। इन लोगों के सत्ता में रहते हुए, हम क्या उम्मीद कर सकते हैं?
गौरतलब है कि बुधवार (25 अक्टूबर) को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। पीएम मोदी ने इसको लेकर एक्स पर जानकारी दी थी। पीएम को निमंत्रण मिलने के बाद कांग्रेस समेत इंडि अलायंस में शामिल पार्टियों ने इसका विरोध किया था।
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नई नहीं है डीएमके की हिन्दू घृणा
डीएमके की हिन्दू घृणा पहली बार सामने नहीं आई है। इससे पहले 2 सितंबर 2023 को तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन संस्कृति का पालन करने वालों को खत्म करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, “मच्छर, डेंगू, फ्लू, मलेरिया, कोरोना – हमें इन चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए। उन्हें पूरी तरह से ख़त्म करना होगा।” स्टालिन ने आगे कहा था, “सनातन (हिन्दू धर्म) के साथ भी यही मामला है। हमारा पहला काम सनातन का विरोध करने के बजाय उसे ख़त्म करना/उन्मूलन करना होना चाहिए।”
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