‘मुसलमान रेप, लूट और डकैती जैसे सभी अपराधों में नंबर 1 पर काबिज हैं। यहां तक कि वो जेल जाने में भी नंबर पर हैं। हमारे बच्चे पढ़ते नहीं हैं, उच्च शिक्षा के लिए नहीं जाते। वो मैट्रिक तक पास नहीं कर पाते। उनमें शिक्षा की काफी कमी है।’ यह सब कहना है कि असम के नेता बदरुद्दीन अजमल का।
अजमल ऑल इंडिया यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख हैं। ये असम की पार्टी है। इसका असम में काफी नाम है औऱ इसके प्रमुख बदरुद्दीन अजमल हैं। उन्होंने ने ही मुसलमानों के अपराधों में लिप्त होने को लेकर ये बयान दिया है। मुसलमानों पर उन्होंने ये बयान हाल ही में दिया था, लेकिन अब जब उनका यह बयान वायरल हो गया तो इस पर सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया। मुस्लिम समाज अजमल के बयान से नाराज हो गया।
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इसी के बाद उन्होंने शुक्रवार (27 अक्टूबर, 2023) को फिर से अपना स्टैंड क्लियर किया। अजमल ने उनकी बातों का बुरा मानने वाले कुछ लोगों को दो टूक कह दिया कि वो अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के अपराध में शामिल होने की उच्च दरें उनमें शिक्षा की कमी को उजागर करती हैं। अजमल ने आगे कहा, “मैंने दुनियाभर के मुसलमानों में शिक्षा की कमी देखी है।” मुस्लिम नेता के मुताबिक, जो लड़के ये कहते हैं कि लड़कियों या औरतों के देखने के बाद उनके मन में सेक्स करने की इच्छा जागृत होती हैं। उन्हें बताना चाहता हूं कि इस्लाम में बताया गया है कि सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं को देखते ही दूसरी तरफ घूम जाना चाहिए। अपनी मां और बहन के बारे में सोचोगे तो गंदे खयाल नहीं आएंगे।
मुस्लिमों में शिक्षा की कमी
बदरुद्दीन अजमल का कहना है कि मुस्लिमों में बढ़ते अपराध शिक्षा की कमी के कारण हो रहे हैं। हम सरकार को दोष देते हैं, लेकिन साक्षरता दर में कमी एक बड़ी वजह है। अगर सरकार हमारे अल्पसंख्यक इलाकों से डॉक्टर या इंजीनियर की मांग करती है तो साक्षरता की कमी के कारण हम उन्हें नहीं दे पाते हैं। 20 अक्टूबर को अजमल ने कहा था कि हमारे बच्चों (मुस्लिमों) को स्कूल जाने के लिए समय नहीं मिलता है, लेकिन उन्हें जुआ खेलने, शराब पीने के लिए काफी समय मिलता है।
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गौरतलब है कि इससे पहले असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने भी मुस्लिमों में शिक्षा की कमी की बात कही थी। इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिमों के शैक्षिक विकास के लिए स्कूल बनवाने की बात भी कही थी।
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