पश्चिम बंगाल के राशन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा गिरफ्तार किए गए ममता सरकार के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को लेकर अब भाजपा हमलावर हो गई है। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में धान की खरीद में घोटाला खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इशारे पर हुआ है। इसमें उनकी मिलीभगत थी।
अधिकारी ने कहा है कि ये बहुत ही बड़ा घोटाला है, जिसमें राइस मिल मालिकों के साथ ही कई सारे ब्यूरोक्रेट भी शामिल हैं। मिलीभगत का फायदा उठाते हुए राइस मिल मालिकों ने फर्जी अकाउंट खोले और केंद्र सरकार से पैसे लिए।
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वहीं अब टीएमसी इस मामले में बीजेपी पर आरोप लगा रही है। पार्टी का आरोप है कि 24 परगना में टीएमसी को कमजोर करने के लिए बीजेपी ने ही साजिश के तहत केंद्रीय जांच एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल किया है। ये विपक्ष पर हमला है। टीएमसी का आरोप है कि ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल हथियार के तौर पर किया जा रहा है। लेकिन, 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान इनसे बदला लिया जाएगा।
मंत्री के बचाव में उतरी ममता बनर्जी
इस बीच अपने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी अपने सहयोगी सत्यप्रिय मलिक के बचाव में उतर आई हैं। उन्होंने ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए भाजपा पर ही सवाल उठा दिए। बीजेपी पर गंदा राजनीतिक खेल खेलने का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी ने सवाल किया कि क्या ईडी ने किसी बीजेपी नेता के खिलाफ एक्शन लिया है। अंग्रेजों की तरह उन सभी पर अत्याचार किया जा रहा है, जो भी उसके खिलाफ है। ममता ने दावा किया कि उनके मंत्री ज्योतिप्रिय बीमार हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उन्हें कुछ हुआ तो वो ईडी और सीबीआई के खिलाफ केस दर्ज करवाएंगी।
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रहमान न पकड़ा जाता तो बच जाते ज्योतिप्रिय
बिजनेसमैन बकिबुर रहमान को पहले ईडी ने गिरफ्तार किया। उसके पास से 100 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्तियों का पता चला। जब जांच एजेंसी ने अपनी जांच के दायरे को आगे बढ़ाया तो ममता सरकार के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का पता चला। इसके बाद जांच एजेंसी ने उनपर एक्शन लिया। एजेंसी ने 27 अक्टूबर को मलिक को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि ज्योतिप्रिय मलिक ने रहमान की कंपनियों में 50 करोड़ रुपए से अधिक का इन्वेस्टमेंट किया था। कोरोना में लॉकडाउन में सार्वजनिक वितरण के दौरान राशन वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया था। उल्लेखनीय है कि अगर बकिबुर रहमान ईडी के रडार पर न आता तो शायद मलिक के घोटालों का पता ही न चलता।
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