हिंदू धर्म में रामायण का बहुत महत्व है। रामायण धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें भगवान श्री राम की कथा का वर्णन किया गया है। यह अत्यंत पूजनीय ग्रंथ है, इससे दुनियाभर के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। आधुनिक समय में यह हमें बहुत कुछ सिखाती है, साथ ही यह नैतिक और सम्मानजनक जीवन जीना भी सिखाती है। भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। वैसे देखा जाए तो भारत में करोड़ों लोग हिंदू धर्म को मानने वाले हैं, इसके बावजूद रामायण यहां का राष्ट्रीय ग्रंथ नहीं है। ऐसे में आइए जानते हैं कि रामायण किस देश का राष्ट्रीय ग्रंथ है।
रामायण महर्षि वाल्मीकि जी ने लिखी है। वहीं, श्रीरामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास जी की रचना है। पवित्र श्रीरामचरितमानस को ‘सात काण्डों’ में विभाजित किया गया है।बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लंकाकाण्ड और उत्तरकाण्ड। इसमें भगवान श्रीराम के बचपन से लेकर वनवास में उनके रहने तक, श्रीलंका के राजा रावण के खिलाफ उनकी लड़ाई और अंततः विजय प्राप्त कर अयोध्या में वापसी तक का वर्णन किया गया है। रामायण को आदिकाव्य के नाम से भी जाना जाता है, इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि जी हैं।
इस देश का राष्ट्रीय ग्रंथ है रामायण
थाईलैंड में हिंदुओं की संख्या बहुत कम है फिर भी यहां का राष्ट्रीय ग्रंथ रामायण है। वैसे तो इस देश में रहने वाले ज्यादातर लोग बौद्ध पंथ को मानते हैं लेकिन यहां के लोग भगवान श्री राम को मानते हैं। इस देश में रामायण को थाई भाषा में ‘रामकियन’ के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है राम की महिमा। यह वाल्मीकी रामायण पर आधारित है। इसके अलावा इस पवित्र ग्रंथ को द ग्लोरी ऑफ राम के नाम से भी जाना जाता है।
इस देश में रामायण की कहानी लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है। थाईलैंड में रामायण का थाई संस्करण है। यहां रामायण के विभिन्न नाटकीय संस्करण और नृत्य आयोजित किए जाते हैं।
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