‘मैं जिंदा क्यों हूं’, इजरायल में हमास की दरिंदगी का वीडियो जारी, आतंकी बोला- 10 यहूदियों को मारा, सुनें शैतान की आवाज

दो सैनिकों के शव बिना सिर के पड़े हुए हैं, स्त्रियों के शव पड़े हुए हैं, उनमें से एक के शरीर पर कपड़े नहीं हैं और खुशी मनाते हुए आतंकी उन्हें घेरे हुए हैं।

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सोनाली मिश्रा

किसी भी देश के लिए अपने नागरिकों पर हुआ हमला सबसे कष्टकारी है और उससे भी अधिक कष्टकारी है उन हमलों का जबाव देने की कार्रवाई का विरोध झेलना। इजरायल पर 7 अक्टूबर को जिस प्रकार हमास के आतंकियों ने हमला किया, उसके वैसे तो वीडियो कई साझा किए जा रहे थे, परन्तु इजरायल की सरकार ने इसे औपचारिक रूप से मीडिया के सम्मुख साझा किया।

एक वीडियो में दो बच्चे और उनके पिता का दृश्य है जिसमें बच्चे अपने पिता के पीछे पीछे जा रहे हैं, और एकदम से ग्रेनेड विस्फोट होता है, पिता मर जाते हैं और एक बच्चे की आँख उड़ जाती है। दस वर्ष से भी कम उम्र के उन बच्चों के साथ क्या हुआ, यह नहीं पता है। फुटेज में एक बच्चा दूसरे से कहता है फिर वह पूछता है “मैं जिंदा क्यों हूँ?” वे रसोई में बैठे हैं। एक आदमी वहां आता है फ्रिज खोलता है और बच्चों से पूछता है कि क्या उन्हें पानी चाहिए? दोनों बच्चों में से छोटा बच्चा कहता है कि उसे उसकी माँ चाहिए!

उसके बाद वीडियो नहीं है। उन बच्चों का क्या हुआ, कुछ पता नहीं है। ऐसे अनेक वीडियो जो हमास के आतंकियों की नृशंसता को दिखाते हैं, मीडिया को दिखाए गए। इजरायली सेना के अनुसार इनका उद्देश्य यह दिखाना था कि कैसे मानवता के विरुद्ध अपराध किया गया है।

44 मिनट्स के इन रॉ वीडियो में वह दृश्य हैं जो लोगों को विचलित कर सकते हैं। जो यह सोचने के लिए विवश कर देंगे कि क्या इतनी भी हैवानियत की जा सकती है या फिर कोई सीमा भी है? इजरायल द्वारा हमास के आतंकियों के साथ की जा रही कार्रवाई के विरोध में कई देशों के कथित मुसलमान खड़े हो रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि इजरायल वार क्राइम कर रहा है। परन्तु उन्हीं लोगों के बीच में इस बात का कोई उत्तर नहीं है कि आखिर उन वीभत्स हत्याओं पर बात क्यों न हो जो मात्र यहूदी होने के नाते की गईं? जो मजहबी अस्वीकार्यता के चलते की गईं? जिस मजहबी कट्टरता को भारत न जाने कब से सहन कर रहा है!

इनमें तस्वीरें थीं बेडरूम पर पड़े शवों की, बाथरूम में पड़े शवों की, सड़क पर, कार में और हर जगह। एक आपातकालीन चिकित्सा कर्मी जले हुए शवों को बुझाने के लिए उनपर मिनरल वाटर डाल रहा है और एक मृत बच्चे का शव अपने साथ हुई हैवानियत की कहानी सुना रहा है। दो सैनिकों के शव बिना सिर के पड़े हुए हैं, स्त्रियों के शव पड़े हुए हैं, उनमें से एक के शरीर पर कपड़े नहीं हैं और खुशी मनाते हुए आतंकी उन्हें घेरे हुए हैं। हालाँकि कई वीडियो पहले से ही सोशल मीडिया पर थे, मगर उन्हें लेकर कई लोग उनकी सत्यता को लेकर सशंकित रहते थे। 44 मिनट के इस वीडियो में वह सभी कहानियाँ हैं, जो टुकड़ों टुकड़ों में 7 अक्टूबर से ही दिखाई जा रही हैं। इस फुटेज को दिखाकर इजरायल सेना के मुख्य प्रवक्ता डेनियल हगरी ने कहा कि “हम खुद को समझाना चाहते हैं कि क्यों हम युद्ध में हैं और हम किससे लड़ रहे हैं?”

इन फुटेज में उस एशियाई पुरुष की ह्त्या भी शामिल है जिसे उसके कृषि उपकरण से मारा गया। एक और क्लिप है जिसमें हमले के बाद एक इजरायली महिला यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आंशिक रूप से जली महिला की लाश, जिसका सिर पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है, वह उसके परिवार की सदस्य है भी या नहीं। मरी हुई महिला की पोशाक को उसकी जांघ तक खींचा गया है और उसके अंत:वस्त्र हटाए हुए हैं।

इजरायली सेना के अनुसार उनके पास महिलाओं के साथ हुए बलात्कार के भी प्रमाण हैं, मगर वह दिखा नहीं रहे हैं। यह सारे फुटेज हमास के मरे हुए आतंकियों के शरीर में लगे कैमरे से मिले हैं। एक जो सबसे विचलित करने वाला वीडियो है वह है हत्यारे आतंकी और उसके अभिभावकों के बीच का।

x पर साझा किए गए एक वीडियो में एक आतंकी का अपने घर पर हुआ वार्तालाप दहलाने वाला है जिसमें एक आतंकी गाजा में अपने घर पर फोन करता है। वह अपने पिता को बताता है कि उसने अपने हाथों से दस यहूदी मारे हैं और उनका बेटा अब “हीरो” है। और फिर वह अपने परिवार से कहता है कि वह व्हाट्सएप खोलें, वह उन्हें तस्वीरे भेजना चाहता है कि उसने आखिर क्या किया है?

उसके घरवाले उसपर न ही चीखते हैं, न चिल्लाते हैं, न ही उसके किए गए कामों पर उसे कोसते हैं, बस यही कहते हैं कि वह वापस आ जाए! और वह शांत और संयत रहकर पूछते हैं कि वह कहाँ है? ऐसे भी वीडियो हैं जिनमें हमास के आतंकी यह कह रहे हैं कि उन्हें इजरायल से गाजा तक निर्दोष नागरिक लाने के लिए स्टाइपेंड का वादा दिया गया है। वीडियो में एक आतंकी यह कह रहा है कि “जो कोई बंधक का अपहरण करेगा और उन्हें गाजा लाएगा, उसे 10,000 अमेरिकी डॉलर का स्टाइपेंड और एक अपार्टमेंट मिलेगा।”

यह भी आतंकी कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि बूढ़ी स्त्रियों और बच्चों को बंधक बनाना है। उन्होंने कुत्तों तक को नहीं छोड़ा। टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार इन तस्वीरों में सैनिकों के विकृत किए गए शव, कई जले हुए शव, जिनमें छोटे बच्चों के शव भी शामिल हैं। बम शेल्टर में शवों का अम्बार और कई इस्लामिक स्टेट के झंडे हैं।

हगरी ने कहा कि आखिर कोई ऐसा हमला क्यों करता है? क्योंकि उसे अपने किए पर फख्र होता है। फिर उन्होंने कहा कि यह मजहबी हुकुम है और यदि महजबी हुकुम मानवता के खिलाफ अपराध करने के लिए है, तो यह सिर्फ इज़राइल की समस्या नहीं है।

 

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