उत्तर प्रदेश के मदरसों में विदेशी फंडिंग की जांच की जाएगी। उत्तर प्रदेश में संचालित मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त सभी मदरसों की जांच की जाएगी। इन मदरसों में विदेशी फंडिंग की जांच करने के लिए प्रदेश सरकार ने एसआईटी का गठन किया है। तीन सदस्यीय एसआईटी इस विदेशी फंडिंग के मामले की जांच करेगी। कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने एक सर्वे कराया था। सर्वे में नेपाल की सीमा से सटे मदरसों में यह पाया गया था कि उन मदरसों के आय का स्रोत स्पष्ट नहीं था। मदरसा संचालक सर्वे टीम को मदरसे की आय का स्रोत नहीं बता पाए थे। इसके बाद एसआईटी के गठन का निर्णय लिया गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपर पुलिस महानिदेशक (एटीएस) मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी में पुलिस अधीक्षक, साइबर क्राइम डॉ. त्रिवेणी सिंह और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे रीभा को सदस्य बनाया गया है।
उल्लेखनीय है उत्तर प्रदेश में चार हजार से अधिक मदरसों में विदेशी फंडिंग हो रही है। इन लोगों को सऊदी अरब नेपाल , बांग्लादेश एवं अन्य देशों से फंडिंग की जाती है। इन देशों से रुपया पहले मुंबई ,चेन्नई या कोलकाता जैसे शहरों में आता है। उसके बाद इन लोगों तक पहुंचता है। हालांकि मदरसा संचालकों का कहना है कि मदरसे चंदे और जकात से चल रहे हैं। वर्ष 2022 के नवंबर माह में उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के मदरसों का सर्वे किया गया था। उस समय कुल 8,496 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले थे। मदरसों में छात्र-छात्राओं की स्थिति के बारे में सर्वे किया गया था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अपेक्षा के अनुसार सर्वे में देखा गया था कि मदरसों में बुनियादी सुविधा उपलब्ध है या नहीं। प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में पाठ्यक्रम को भी खंगाला गया था। मदरसा का संचालन करने वाले का नाम, मदरसा निजी भवन में चल रहा है या किराए के भवन में संचालित किया जा रहा है, मदरसे में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या कितनी है, पेयजल, कुर्सी-मेज, विद्युत आपूर्ति तथा शौचालय की व्यवस्था का भी सर्वे किया गया था। मदरसे में शिक्षकों की संख्या और किस स्रोत से मदरसे में आय हो रही है। इस बिंदु पर भी सर्वे किया गया था।
अल्पसंख्यक मंत्री धर्मपाल सिंह ने उस समय कहा था कि सरकार की मंशा है कि अल्पसंख्यक बच्चे भी बेहतर शिक्षा ग्रहण करें। उन बच्चों को आधुनिक शिक्षा दी जाएगी। अब भी काफी मदरसों में विदेशों से फंडिंग की जाती है। अल्पसंख्यक बच्चों की गरीबी का लाभ उठाकर उन लोगों को बाहर ले जाया जाता है। संदिग्ध गतिविधियों में बच्चों को लगा दिया जाता है। कई मदरसों में विदेशी फंडिंग की बात सामने आई है। पुलिस के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी यह प्रकरण है. जल्द ही ऐसे मदरसों पर कार्रवाई की जाएगी।
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