महुआ मोइत्रा द्वारा बिजनेसमैन दर्शन हिरानंदानी से पैसे लेकर लोकसभा में सवाल पूछने और हीरानंदानी को लोकसभा की वेबसाइट का एक्सेस देने के मामले में टीएमसी ने अपना पक्ष रखा है। पार्टी ने सांसद महुआ से जबाव तलब किया है। टीएमसी ने कहा है कि इस मामले में संसद की आचार समिति की रिपोर्ट का इतंजार करेगी। उसके बाद ही कोई फैसला करेगी।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि वह तब तक इंतजार करेंगे जब तक सदन उन आरोपों की जांच नहीं कर लेता। ओ’ब्रायन ने एक बयान में कहा कि उनकी पार्टी ने मीडिया में आई खबरों पर गौर किया है। इस मामले में संबंधित सदस्य को पार्टी नेतृत्व द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने की सलाह दी गई है। वह पहले ही ऐसा कर चुकी हैं।
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टीएमसी सांसद ने आगे कहा, “हालांकि, चूंकि यह मामला एक निर्वाचित सांसद, उसके अधिकारों और विशेषाधिकारों से जुड़ा है, इसलिए मामले की जांच संसद के सही मंच से कराई जाए। इसके बाद ही पार्टी नेतृत्व उचित निर्णय लेगा।”
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क्या हैं आरोप
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई से मिले इनपुट के आधार पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर बिजनेसमैन हीरानंदानी से पैसे लेकर लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। बाद में हीरानंदानी ने पीएमओ को दिए एक एफिडेविट में आरोप को स्वीकार कर लिया था। सरकारी गवाह बने हीरानंदानी ने कबूल किया था कि महुआ मोइत्रा ने उन्हें संसद की वेबसाइट का लॉगइन और पासवर्ड उन्हें दिया था। उन्होंने ने ही महुआ की बेवसाइट पर सवाल लिखे थे। अडाणी का सहारा लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश थी। इस मामले में महुआ मोइत्रा को राहुल गांधी का सपोर्ट था।
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