इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच जारी युद्ध के बीच संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने युद्ध विराम की मांग की है। मिस्र की राजधानी काहिरा में शांति सम्मेलन को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि अब मानवीय युद्धविराम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि घृणित हमलों के बाद फिलिस्तीन के लोगों को दा जा रही सामूहिक सजा को किसी भी कीमत पर उचित नहीं ठहराया जा सकता।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने ये भी माना कि फिलिस्तीन के लोगों की शिकायत वैध और लंबी हैं, लेकिन हम इजरायल के लोगों पर हमास के हमले को भी उचित नहीं ठहरा सकते हैं। 56 साल के कब्जे का कोई अंत नहीं दिख रहा है। गुटेरेस ने कहा कि ये संघर्ष अपने तीसरे सप्ताह में पहुंच गया। गाजा के 2.4 मिलियन लोगों का फिलिस्तीनी क्षेत्र ‘मानवीय आपदा’ के दौर से गुजर रहा है, जिसमें हजारों लोग मारे गए और दस लाख से अधिक विस्थापित हुए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गाजा पट्टी में इजरायल ने आतंकवादी समूहों को निशाना बनाया।
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गुटेरेस ने शांति सम्मेलन के दौरान गाजा में मानवीय मदद में तेजी लाने और मिस्र के राफा बार्डर से होते हुए गाजा में तेजी से मानवीय मदद पहुंचाने के काम में तेजी लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि गाजा में 2 मिलियन से अधिक लोग बिना दवा, खाना, पानी और बिजली के जी रहे हैं। काहिरा में हुई इस पीस समिट में मिस्र, इराक, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, इटली, स्पेन और तुर्की के साथ-साथ फिलिस्तीनी राष्ट्रपति भी शामिल रहे। हालांकि, अमेरिका इसमें शामिल नहीं हुआ।
इस्लामिक देशों ने दिखाया अपना रंग
हमास-इजरायल जंग के बीच जारी जंग के बीच हमास का समर्थन कर रहे इस्लामिक देशों ने एक बार फिर से अपना रंग दिखा दिया। ये देश हमास का साथ तो देना चाहते हैं। वो उसे खाना और पानी तो देने को तैयार हैं, लेकिन गाजा के लोगों को कोई भी अपने देश में शरण नहीं देना चाहता है। पीस समिट के दौरान भी जॉर्डन, यूएई औऱ ईराक जैसे देशों ने स्पष्ट कहा कि वो फिलिस्तीनियों को अपने देश में शरण नहीं दे सकते।
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गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकियों को इजरायल में घुसकर 1300 लोगों की बर्बर हत्या कर दी थी। इसके साथ ही 200 से अधिक लोगों को हमास के आतंकी बंधक बनाकर ले गए थे।
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