रास्ते में 'मस्जिद' है तो 'RSS को मार्च' की इजाजत क्यों नहीं? हाई कोर्ट ने स्टालिन सरकार से पूछा 'ये कैसा सेकुलरिज्म'
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रास्ते में ‘मस्जिद’ है तो ‘RSS को मार्च’ की इजाजत क्यों नहीं? हाई कोर्ट ने स्टालिन सरकार से पूछा ‘ये कैसा सेकुलरिज्म’

तमिलनाडु की पुलिस का कहना है कि जहां से RSS मार्च निकालना चाहता है, उस रास्ते में मस्जिद और चर्च है। इसलिए इजाजत नहीं दे सकते। पिछले साल भी ऐसा ही किया था।

by Kuldeep singh
Oct 20, 2023, 03:57 pm IST
in तमिलनाडु
Tamil Nadu High court order police to give permission to RSS for march

मस्जिद-चर्च का हवाला देकर RSS को मार्च निकालने की इजाजत नहीं दे रही तमिलनाडु पुलिस

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तमिलनाडु की एम के स्टालिन सरकार के मंत्री कथित सेकुलरिज्म के नाम पर सनातन धर्म का अपमान करते हैं। स्टालिन सरकार के कथित सेकुलरिज्म से पर्दा उठ चुका है। अब तमिलनाडु हाई कोर्ट ने भी सरकार के कथित सेक्युलरिज्म पर सवाल खड़ा कर दिया है। मामला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से जुड़ा है। तमिलनाडु की पुलिस RSS को केवल इसलिए मार्च निकालने की इजाजत नहीं दे रही थी, क्योंकि रास्ते में मस्जिद और चर्च पड़ते थे।

राज्य के पुलिस प्रशासन से इजाजत नहीं मिलने के बाद RSS ने तमिलनाडु हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। संघ ने मांग की कि कोर्ट उन्हें मार्च निकालने की अनुमति दे। इस मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने एम के स्टालिन सरकार के सेक्युलरिज्म पर सवाल उठाया। जस्टिस जी जयचंद्रन ने राज्य पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि रास्ते में मस्जिद है तो फिर RSS को मार्च निकालने या फिर जनसभाएं करने की इजाजत क्यों नहीं दी जा सकती। इस तरह का तर्क देकर रोक लगाना तो सेक्युलरिज्म के खिलाफ है।

इसे भी पढ़ें: आम आदमी पार्टी के विधायक ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल, कहा – मैंने आप पर विश्वास किया और राजनीति का शिकार हो गया

पुलिस को कोर्ट का आदेश

RSS की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस जयचंद्रन ने पुलिस को आदेश दिया कि वो खुद RSS के मार्च को निकलवाए। इसके साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी की कि तमिलनाडु की पुलिस RSS की तरफ से मांगी गई परमिशन पर पहले तो कोई फैसला नहीं लेती और जब मामला हाई कोर्ट पहुंचता है तो परमिशन को कैंसिल कर दिया जाता है। कोर्ट ने ये भी कहा कि जिन वजहों को आधार बनाकर पुलिस RSS को परमिशन नहीं दे रही है वो सेक्युलरिज्म के खिलाफ है। किसी दूसरे का कोई धार्मिक स्थल हो या किसी राजनीतिक पार्टी का ऑफिस हो, इस तरह का हवाला देकर परमिशन को कैंसिल नहीं किया जा सकता है।

इसे भी पढ़ें: ‘जैसे को तैसा’: भारत के कड़े तेवरों के बाद कनाडा ने 41 राजनयिकों को वापस बुलाया, पहले निकाला था भारतीय डिप्लोमैट को

कोर्ट ने पुलिस को कहा है कि वो RSS को मार्च निकालने की इजाजत दे और तय करे कि सब कुछ शाति के साथ हो। उल्लेखनीय है कि RSS 22 और 29 अक्टूबर को रैली निकालने की इजाजत मांग रहा था, लेकिन पुलिस ने इससे इनकार कर दिया था। पिछले साल भी ऐसे ही तर्क देकर तमिलनाडु पुलिस ने RSS को मार्च नहीं निकालने दिया था।

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