चीन ने अपने यहां अपनी महत्वाकांक्षी बीआरआई परियोजना के दस साल पूरे होने का जश्न भले मनाया है लेकिन कम्युनिस्ट सरकार जानती है कि इस पर बहाया अरबों रुपया किसी काम आता नहीं दिख रहा। इस परियोजना के 10 साल के जश्न में चीन ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन सहित करीब 140 देशों के नेताओं को बुलाकर अपनी शान दिखाने और अपनी शान में उन नेताओं से कसीदे कढ़वाने का इंतजाम किया था। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री उनके बिछाए जाल में ऐसे फंसे कि मौजूद सभी नेताओं के सामने एक दरबारी की तरह ड्रैगन की शान में जिनपिंग की वाहवाही करने लगे। ‘तुम दिन को कहो रात तो हम रात कहेंगे’ की तर्ज पर अपने आका के सामने उन्होंने यहां तक कह दिया कि चीन के कहे पर तो पाकिस्तान की सरकार आंख मंदकर भरोसा करती है।
वैसे एक कंगाल और रोटी को तरसते देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री से और किसी बात की उम्मीद भी कैसे की जा सकती थी। कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर को पता है कि उस देश में जो भी थोड़ा बहुत रुपया आ रहा है उसमें सबसे बड़ा हिस्सा चीन ही दे रहा है। इसलिए ऐसे आका के सामने, विश्व के अनेक नेताओं की मौजूदगी में उसकी शान में शी जिपनिंग के गुणगान गाना उनका ‘फर्ज’ बनता था।
कल बीआरआई के कार्यक्रम में मानो काकर को मुंहमांगी मुराद भी मिल गई। और उन्होंने ड्रैगन की खुशामद में लिपटी चापलूसी का शानदार प्रदर्शन भी किया। बीजिंग में ग्रेट हॉल ऑफ पीपल में इस सम्मेलन में अपने भाषण में पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की शान में कोई विशेषण लगाना नहीं भूले।
काकर ने पोस्ट में लिखा, ”बीजिंग में जाने—माने ग्रेट हॉल ऑफ पीपल में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। हम दोनों पाकिस्तान और चीन संबंधों के तमाम पहलुओं पर बात की तथा पक्का किया कि हमारी दीर्घकालिक व मजबूत दोस्ती, हर परिस्थिति में आपसी रणनीतिक सहयोग, आर्थिक तथा व्यापार संबंध ऐसे ही बने रहें। मैंने तीसरे बेल्ट एंड रोड फोरम की कामयाबी तथा बीआरआई की 10वीं सालगिरह पर उन्हें बधाई दी।”
अनवारुल ने कहा कि ‘पाकिस्तान तथा चीन के बीच जबरदस्त विश्वास है और यह जन्नत में तय हुई द्विपक्षीय साझेदारी है’। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जहां तक बात है तो सब समझ लें, पाकिस्तान आंख मूंदकर चीन पर यकीन करता है। सम्मेलन में पाकिस्तानी नेता ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान मजबूती के साथ चीन के पाले में खड़ा रहने वाला है। यह महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारी है जिसे वह कभी कमजोर नहीं होने देगा।
काकर का आगे कहना था कि पाकिस्तान वन चाइना पॉलिसी का पूरी मजबूती से समर्थन करता रहेगा। जर्जर हो रहे देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री की ‘मजबूती’ वाली बात को कितना मजबूत समझा होगा जिनपिंग ने, इसका अंदाजा लगाना कोई मुश्किल नहीं हैं। ऐसा कहते हुए काकर ने यह भी कहा कि उनके ‘देश की यह प्रतिबद्धता सिर्फ जुबानी नहीं है, यह तो पाकिस्तान के काम से झलकती है’। यहां बता दें, पाकिस्तान में बीआरआई परियोजना पर काम कर रहे चीनी नागरिकों पर कई बार आतंकवादी हमले हुए हैं और कई मारे भी गए हैं। पीाओजेके इलाके में इस परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों में जबररदस्त आक्रोश है।
चीन में उन्होंने जो देखा और जिनपिंग की झूठी तारीफों के जो पुल बांधे उसे अपनी सोशल मीडिया पोस्ट से साझा भी किया। काकर ने पोस्ट में लिखा, ”बीजिंग में जाने—माने ग्रेट हॉल ऑफ पीपल में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। हम दोनों पाकिस्तान और चीन संबंधों के तमाम पहलुओं पर बात की तथा पक्का किया कि हमारी दीर्घकालिक व मजबूत दोस्ती, हर परिस्थिति में आपसी रणनीतिक सहयोग, आर्थिक तथा व्यापार संबंध ऐसे ही बने रहें। मैंने तीसरे बेल्ट एंड रोड फोरम की कामयाबी तथा बीआरआई की 10वीं सालगिरह पर उन्हें बधाई दी।”
सम्मेलन के मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खुद के और अपने प्रतिनिधिमंडल के ‘गर्मजोशी भरे स्वागत’ से काकर भी सोच रहे होंगे कि ‘कहां तो मुझे लगता था कि जिनपिंग उनके जैसे कंगाल देश के नेता को न बुलाएंगे, लेकिन ये तो स्वागत कर रहे हैं’! काकर के साथ इस सम्मेलन में कार्यवाहक वित्त मंत्री शमशाद अख्तर, कार्यवाहक गृह मंत्री सरफराज बुगती, कार्यवाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी तथा कार्यवाहक वाणिज्य, उद्योग और उत्पादन मंत्री गौहर इजाज तथा कुछ अधिकारी भी गए थे।
सम्मेलन में अपने वक्तव्य में आगे काकर ने बीआरआई के बारे में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाषण की बढ़—चढ़कर तारीफ की और इसे दूरदर्शी कहते हुए एक बार फिर पाकिस्तान की तरफ से सलाम बजाने को काम किया। उन्होंने यहां तक कहा कि चीन की कामयाबी का दुनिया पर भी अच्छा असर पड़ता है। काकर ने यह नहीं कहा कि संभवत: उनका देश इसीलिए कंगाल है। क्योंकि चीन ने जिस भी गरीब गुरबे देश को कर्जा दिया है उसे सूद सहित निचोड़—निचोड़कर वसूला है और उसके लिए रोजी—रोटी के लाले पड़वा दिए हैं।
काकर के शब्दो में ‘चीन ने गजब की प्रगति करते हुए दुनिया के सामने एक आदर्श की तरह काम किया है। उसके इस काम ने दुनिया में लाखों लोगों के जीवन पर अच्छा असर डाला है’। कुल मिलाकर काकर का पूरा भाषण सिर्फ और सिर्फ एक दरबारी की तरह उपस्थित मेहमानों के सामने अपने आका चीन की खुलकर तारीफें करने और उसकी शान में बिछ—बिछ जाने पर ही केन्द्रित रहा।
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