नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय संगठित साइबर अपराध नेटवर्क के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ऑपरेशन चक्र- 2 के तहत राष्ट्रव्यापी कार्रवाई के दौरान 11 राज्यों में 76 स्थानों पर गहन तलाशी ली। इसमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, बिहार, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं।
इन मामलों में, आरोपितों ने एक वैश्विक आईटी प्रमुख और एक ऑनलाइन प्रौद्योगिकी-संचालित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म वाले बहुराष्ट्रीय निगम का प्रतिरूपण किया है, जो कंप्यूटर व संचार उपकरणों का उपयोग कर धोखा देने के इरादे से एक नकली पहचान (आईडी) बनायी। पांच राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में नौ कॉल सेंटर संचालित करने वाले आरोपित, तकनीकी सहायता प्रतिनिधियों के रूप में भेष बदलकर व्यवस्थित रूप से विदेशी नागरिकों को शिकार बनाते थे।
इस दौरान 32 मोबाइल फोन, 48 लैपटॉप व हार्ड डिस्क, दो सर्वर की तस्वीरें, 33 सिम कार्ड और पेन ड्राइव जब्त किए गए और कई बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए। सीबीआई ने 15 ईमेल खातों की सामग्री को भी जब्त कर लिया।
सीबीआई ने वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक आसूचना परिषद इंडिया की महत्वपूर्ण जानकारी से प्रेरित ऑपरेशन चक्र-2 के तहत एक परिष्कृत क्रिप्टो-मुद्रा धोखाधड़ी ऑपरेशन को भेद दिया। फर्जी क्रिप्टो माइनिंग ऑपरेशन की आड़ में भारतीय नागरिकों को 100 करोड़ रु. का नुकसान हुआ है।
ऑपरेशन चक्र-2 के दौरान एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इन अपराधियों को खत्म करने के लिए व्यापक कार्रवाई के लिए सीबीआई अपने अंतरराष्ट्रीय समकक्षों के साथ अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग की भावना से मिलकर नेटवर्क पर काम कर रही है। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई), साइबर अपराध निदेशालय और इंटरपोल के आईएफसीएसीसी, यूनाइटेड किंगडम में राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) और सिंगापुर पुलिस शामिल हैं। जो जर्मनी की फ़ोर्स और बीकेए को भी सूचित करेंगी।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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