मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फटकार के बाद राजस्व के पेंडिंग मामलों के निपटारे में तेजी दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 16 सितंबर को राजस्व के मामलों में हीलाहवाली पर कड़ी फटकार लगाई थी। उन्होंने अधिकारियों को इसमें सुधार लाने की सख्त हिदायत देते हुए एक माह का वक्त दिया था। अब एक माह में करीब-करीब पांच लाख राजस्व वादों का निपटारा किया गया है। जबकि एक वर्ष से पांच वर्ष के विचाराधीन 2.6 लाख वादों का निपटारा किया गया।
अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने बताया कि सर्वाधिक राजस्व वादों का निस्तारण लखनऊ (1,00,307 वाद), बलिया (70,761 वाद), प्रयागराज (65,771 वाद), गोरखपुर (62,906 वाद), गोंडा (58,264 वाद) में किया गया है। इसी तरह पैमाइश के मामलों के निपटारे में टॉप पांच जिलों में बलिया, आजमगढ़, एटा, गाजीपुर और लखनऊ शामिल हैं। कुल 5,33,089 मामले रजिस्टर्ड हुए, जिनमें से 4,36,921 मामले निस्तारित किए जा चुके हैं। पिछले एक माह में 29,032 मामलों को निपटाया गया है। इन मामलों को उपजिलाधिकारी स्तर पर 90 दिनों में निपटाने का प्राविधान है।
नामान्तरण के 1,26,29,738 आवेदन आए, जिसमें से 1,18,86,265 आवेदन का निस्तारण किया गया, जिसका अनुपात 94 प्रतिशत से अधिक रहा। इनमें बलिया, गाेंडा, शाहजहांपुर, लखनऊ और बस्ती का अच्छा प्रदर्शन रहा। इसी तरह कुर्रा बंटवारे के 4,82,238 आवेदन आए, जिसमें से 31,282 आवेदन का निस्तारण किया गया। इनमें बलिया, गाेंडा, गाजीपुर, कुशीनगर और आजमगढ़ का अच्छा प्रदर्शन रहा। मालूम हो कि कुर्रा बंटवारे के मामलों को निपटाने की समय सीमा 6 माह है, जिसे उप जिलाधिकारी स्तर से निपटाया जाता है।
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