नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को मालदीव को याद दिलाया कि संकट के समय पड़ोसी ने ही उसकी सबसे पहले सहायता की है। भारत हर स्तर पर मानव कल्याण, विकास सहयोग, आपदा राहत और समुद्र में होने वाली अवैध गतिविधियों को रोकने में मालदीव की मदद करता रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के एक बयान से जुड़े प्रश्न का उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि साझा चुनौतियों और प्राथमिकताओं पर भारत मालदीव के नए प्रशासन के साथ मिलकर काम करना चाहता है।
दरअसल, मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने एक बार फिर दोहराया है कि वह अपने कार्यकाल के पहले सप्ताह में भारतीय सैन्य कर्मियों को द्वीपसमूह से बाहर निकाल देंगे। मोहम्मद मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है। उनके इस बयान पर प्रवक्ता ने सीधा उत्तर नहीं दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि अभी नए प्रशासन ने कार्यभार नहीं संभाला है। प्रवक्ता ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में हमारे कर्मियों द्वारा 523 मालदीवियों की जान बचाने के लिए 500 से अधिक चिकित्सा निकासी की गई है। इनमें से 131 निकासी इस वर्ष की गई, अन्य 140 पिछले वर्ष और 109 अन्य निकासी 2021 में की गई।
इसी तरह, पिछले पांच वर्षों के दौरान मालदीव की समुद्री सुरक्षा के लिए 450 से अधिक बहुआयामी मिशन चलाए गए हैं। इनमें से 122 मिशन इस साल किए गए, जबकि पिछले साल जबकि अन्य 152 और 124 मिशन 2021 में शुरू किए गए थे। भारत ने कोरोना काल समेत किसी भी आपदा परिदृश्य में मालदीव को पहली सहायता पहुंचाई है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
टिप्पणियाँ