इस्लामी आतंकवादी संगठन हमास की बर्बरता पर इस्राएल के जवाबी हमलों के बीच कल अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन इस्राएल में थे। इस दौरान अमेरिका ने न सिर्फ हमास पर इस्राएल की सैन्य कार्रवाई का समर्थन किया बल्कि अनेक देशो के साथ ही हमास से किसी भी रूप में जुड़े कुछ गुटों पर भी कड़े प्रतिबंध लगा दिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने तेल अवीव के अपने दौरे में इस्राएली राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू सहित अन्य कई नेताओं से बात की। उधर अमेरिका ने इस्राएल पर अचानक बोले गए बर्बर हमले के संदर्भ में आतंकवादी संगठन हमास के 10 सदस्यों वाले एक गुट सहित ऐसे कुछ देशों पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं जो हमास के वित्तीय संजाल से जुड़े हैं। अमेरिका के वित्त विभाग के अंतर्गत विदेशी संपत्ति नियंत्रण इकाई ने ये प्रतिबंध जड़े हैं।
हमास से जुड़े पैसे के लेनदेन पर नजर रखने और उसका संचालन करने वाले गुट और उसके सदस्यों, ईरान सरकार के नजदीकी कतर के एक दलाल, हमास के एक चोटी के कमांडर तथा गाजा से संचालित वर्चुअल करेंसी एक्सचेंज प्रतिबंधों के दायरे में सम्मिलित है। उल्लेखनीय है कि शिया देश ईरान आतंकवादी गुट हमास सिर्फ पैसे से मदद नहीं करता, अपितु बाकी अन्य प्रकार से भी उसे समर्थन देता है।
अमेरिकी वित्त विभाग के अनुसार प्रतिबंध हमास निवेश पोर्टफोलियो के प्रबंधकों पर भी लगाया गया है। इस बारे में कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन का कहना है कि इस्राइली नागरिकों, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल थे, की बर्बर हत्या के बाद हमास को पैसा देने वालों के पर कतरे गए हैं।
इसके साथ ही अमेरिका द्वारा कुछ ऐसे देशों पर प्रतिबंध जड़े हैं जहां हमास से जुड़ा वित्तीय संजाल होने की जानकारी है। इन देशों में हैं गाजा, तुर्की, सूडान, कतर तथा अल्जीरिया। अमेरिकी वित्त विभाग के अनुसार प्रतिबंध हमास निवेश पोर्टफोलियो के प्रबंधकों पर भी लगाया गया है। इस बारे में कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन का कहना है कि इस्राइली नागरिकों, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल थे, की बर्बर हत्या के बाद हमास को पैसा देने वालों के पर कतरे गए हैं। अमेरिका ने इस निर्णायक कार्रवाई में जरा भी देर नहीं की है।
उल्लेखनीय है कि बाइडन के इस्राएल पहुंचने से कुछ घंटे पहले ही गाजा के सबसे बड़े अस्पताल पर बम बरसे और वहां अनेक लोगों के मारे जाने के समाचार मिले थे। इस्राएल ने स्पष्ट सबूतों के आधार पर साबित किया है कि अस्पताल पर हमास ने ही बम गिराए थे। इसके वीडियो फुटेज और अन्य तथ्य मौजूद हैं जो इस्राएल की सेना ने सार्वजनिक भी किए हैं।
इस्राएल और हमास के बीच यह संघर्ष गत 7 अक्तूबर को तब शुरू हुआ था जब हमास के आतंकवादियों ने इस्राएल सीमा में घुसकर आम लोगों को निशाना बनाकर बर्बर नरसंहार रचाया था। इसके बाद से इस्राएल अपनी पूरी ताकत इस युद्ध में झोंकते हुए हमास को समूल नष्ट करने की कसमें खाई हुई हैं। दुनिया के सभ्य देश इस्राएल के पक्ष में हैं जबकि मुस्लिम देश मजहब के नाम पर हमास के पाले में खड़े दिख रहे हैं।
अब तक इस्राएल और हमास के बीच हुए संघर्षों में वर्तमान युद्ध बेहद घातक माना जा रहा है। गाजा द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इसमें 2,778 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जबकि घायलों की संख्या 8 हजार के आसपास पहुंची है। गाजा के अस्पताल पर बम गिरने से अनेक मारे गए हैं जबकि लगभग 1,200 लोग मलबे में दबे बताए गए हैं। इधर इस्राइल में भी इस युद्ध में अभी तक 1,400 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई है।
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