मोदी सरकार में डिफेंस एक्सपोर्ट का किंग बनने की ओर भारत, पांच साल में 52,000 करोड़ रुपए से भी अधिक का निर्यात

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Kuldeep singh

भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियारों का खरीददार देश है। अब तक हम यही सुनते आए हैं, लेकिन अब ये पुरानी बात हो चली है। मोदी सरकार में भारत न केवल अपनी जरूरत के हथियारों का निर्माण कर रहा है, बल्कि विदेशों में इसका तेजी से निर्यात भी कर रहा है। इसी की बदौलत देश में रक्षा उत्पादों का एक्सपोर्ट अब 52,000 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है।

भारत ने ये उपलब्धि पिछले पांच सालों के अंदर हासिल की है। केवल वित्तीय वर्ष 2023-24 की ही बात करें तो एक साल के अंदर ही भारत सरकार ने 6052 करोड़ रुपए के रक्षा उपकरणों का निर्यात किया है। रक्षा उपकरणों के साथ ही भारत ने डिफेंस उपकरण, सब-सिस्टम्स, पार्ट्स और कंपोनेंट का एक्सपोर्ट किया है। दुनियाभर के करीब 80 देश भारत से हथियारों का आयात करते हैं।

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हर साल बढ़ रहा भारत का निर्यात

भारत के द्वारा हथियारों के निर्यात को वर्षवार देखें तो यह लगातार बढ़ रहा है। साल 2019-20 में ये 9,116 8,007 था, 2020-21 में 8,435 7,27, वर्ष 2021-22 में 12, 815 5,965 रुपए, 2022-23 में यह 15,918 9,050 हो गया और देश के हथियारों का निर्यात 2023-24 में अब तक 6,052 3,741 करोड़ रुपए का हो गया है।

यहीं नहीं भारत सरकार अब वित्त वर्ष 2023-24 से 2029-30 के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगभग 143 लाख करोड़ रुपए का भारी भरकम खर्च करने का निर्णय लिया है। मंगलवार (17 अक्टूबर, 2023) को रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने दावा किया कि यह राशि पिछले सात वित्त वर्षों में खर्च किए गए 67 लाख करोड़ रुपए की तुलना में दोगुना से भी अधिक है। वहीं 36.6 लाख करोड़ रुपए का निवेश हरित परियोजनाओं में होगा, जो 2017-2023 के मुकाबले 5 गुना है।

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प्राइवेट सेक्टर का रक्षा निर्यात में अहम योगदान

क्रिसिल के आंकड़ों के मुताबिक, भारत की सरकारी रक्षा विनिर्माण कंपनियों के साथ ही इस क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों ने भी अहम योगदान दिया है। इसका असर ये हुआ कि भारत के निर्यात में काफी वृद्धि देखने को मिली है। इस साल के कुल एक्सपोर्ट में से एक तिहाई केवल प्राइवेट कंपनियों ने किया है। पिछले पांच सालों में ये 45 से 90 फीसदी हो गया है।

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