उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हिन्दुओं के द्वारा निकाली गई राम बारात पर मुस्लिमों द्वारा पथराव किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस घटना के बाद से अलीगढ़ का माहौल गरमा गया है। राम बारात के आयोजकों ने आरोप लगाया है कि चंडौस कस्बे में एक इबादतगाह के पास से गुजरते वक्त राम बारात में शामिल श्रृद्धालुओं पर सुनियोजित तरीके से पत्थरबाजी की गई। लोगों पर फरसे और लाठियों से हमला किया गया। इसमें कई लोग घायल हो गए। वारदात के बाद गुस्साए श्रृद्धालुओं के साथ हिन्दू संगठनों ने कार्रवाई की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। अफसरों ने समझा-बुझाकर कड़ी सुरक्षा में राम बारात को निकलवाया।
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अलीगढ़ के चंडौस कस्बे में परंपरागत तरीके से रामबारात निकाले जाने के दौरान हमले की घटना हुई है। जिस समय पथराव हुआ, रामबारात कसेरू अड्डा से गुजर रही थी। रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने पुलिस को बताया कि इबादतगाह के पास पहले से जमा 100 से अधिक लोगों की भीड़ ने अचानक रामबारात पर हमला बोल दिया। हमलावरों के हाथों में फरसे, सरिया और लाठियां थीं। अचानक हुए हमले में सुनील बेंत अैर विनोद कुमार सहित कुछ अन्य लोग घायल हो गए।
रामबारात पर हमले से लोग आक्रोशित हो गए। रामलीला कमेटी और शोभायात्रा में शामिल लोगों ने कार्रवाई की मांग करते हुए थाने पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। सूचना पर डीआईजी शलभ माथुर, डीएम इंद्र विक्रम सिंह, एसएसपी कलानिधि नैथानी मौके पर पहुंच गए और प्रदर्शनकारियों को कार्रवाई का भरोसा देकर शांत किया। पुलिस-पीएसी ने किसी तरह प्रदर्शनकारियों को हटाया और कड़ी सुरक्षा में रामबारात को आगे निकलवाया। घटना की वजह से कल रात रामलीला का मंचन भी नहीं हो सका।
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एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मीडिया को बताया कि जिले के चंडौस कस्बे में हालात अब पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। शोभा यात्रा निकाले जाने के दौरान विवाद हुआ था। मामले की जांच कराई जा रही है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। वहीं, अलीगढ़ एमएलसी चौधरी ऋषिपाल सिंह ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि यूपी सरकार इस तरह के आसामाजिक तत्वों को तनाव नहीं पैदा करने देगी। मामले में कठोर कार्यवाही किए जाने के लिए पुलिस-प्रशासन से वार्ता की गई है।
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